
- ग्रेटर नोएडा में सफाई के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दस क्विक रेस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) गठित कर काम शुरू किया है.
- क्यूआरटी उन जगहों पर सफाई करेगी जहां वर्तमान व्यवस्था के तहत सफाई नहीं हो पा रही है.
- क्यूआरटी की गतिविधियों की निगरानी के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई गई है और जीपीएस से रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी.
ग्रेटर नोएडा की साफ-सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए प्राधिकरण ने बड़ी पहल की है. सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने 10 क्विक रेस्पोंस टीम (QRT) गठित कर दिया है. इन टीम ने मंगलवार से काम भी शुरू कर दिया है.
इन जगहों पर काम करेगी QRT, रियल टाइम होगी मॉनिटरिंग
क्यूआरटी उन जगहों पर काम करेगी, जहां पर वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत सफाई नहीं हो पा रही. इमरजेंसी में किसी जगह सफाई की आवश्यकता पड़ने पर भी क्यूआरटी तैनात की जाएंगी. इन पर निगरानी के लिए चार सदस्यीय समिति भी गठित कर दी गई है. क्यूआरटी में वाहनों पर लगे जीपीएस के जरिए रियल टाइम मॉनिटरिंग भी होगी, जिसके लिए जल्द ही कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा. गंदगी फैलाने वालों पर क्यूआरटी की टीम जुर्माना भी लगाएगी.

ग्रेनो को स्वच्छ बनाने की कवायद
दरअसल, ग्रेटर नोएडा को साफ-सुथरा शहर बनाने के लिए प्राधिकरण की तरफ से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. ग्रेनो वासियों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है. सभी तरह के वेस्ट को प्रोसेस करने के लिए प्लांट बन रहे हैं.
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया लॉन्च
प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा, "ग्रेटर नोएडा की सफाई व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए क्यूआरटी की 10 टीमें बनाईं गइंर् हैं. यह प्रयोग सफल रहा तो टीमें बढ़ाई जा सकती हैं. उम्मीद है कि इससे सफाई व्यवस्था और बेहतर करने में मदद मिलेगी. सभी बल्क वेस्ट जनरेटरों से कूड़े का उचित प्रबंधन करने, निवासियों से इधर-उधर कूड़ा न फेंकने और ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ शहर बनाने में सहयोग की अपेक्षा है. इधर-उधर गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी.”
सफाई कर्मचारी की पहचान होगी आसान
हर क्यूआरटी टीम को एक कूड़ा गाड़ी और दो टीमों पर एक जेसीबी मशीन दी गई है. सूचना के आधार पर जहां पर भी अधिक कूड़ा होगा वहां एक कूड़ा मशीन के साथ जेसीबी मशीन भेजी जाएगी. एक क्यूआरटी पर तैनात पांचों सफाई कर्मचारियों को विशेष प्रकार की जैकेट दी गई है. जैकेट पर उसी क्यूआरटी का नंबर लिखा होगा, ताकि सफाई कर्मचारी की तैनाती में असंमजस न हो. कूड़ा गाड़ी पर भी उसकी संबंधित क्यूआरटी टीम का नंबर लिखा होगा, ताकि एक सफाई कर्मचारी सिर्फ उसी क्यूआरटी पर डयूटी करेगा, जिसमें उसको तैनात किया गया है. जैकेट पर लिखे नंबर के जरिए सफाई कर्मचारी की क्यूआरटी के बारे में आसानी से पता चल सकेगा.
सुबह 9 बजे से काम करेंगी टीम
क्यूआरटी टीमें सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक क्षेत्र में सक्रिय रहेंगी. ये टीमें वहां पर कार्य करेंगी जो एरिया किसी कारणवश वर्तमान व्यवस्था में शामिल नहीं हो सके हैं.
नियम न मनाने पर कार्रवाई, जुर्माना भी लगेगा
महाप्रबंधक आरके भारती ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने भी कुछ एरिया चिंहित कर रखा है, जहां पर सफाई के लिए क्यूआरटी को लगाया जाएगा. इसके अतिरिक्त अगर कहीं पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को गंदगी की शिकायत मिलती है तो क्यूआरटी कंट्रोल कमेटी इनको वहां भेजेगी. क्यूआरटी टीम मौके पर पहुंचकर कूड़ा का निस्तारण करेगी और गंदगी फैलाने वालों पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाएगी. सॉलिड वेस्ट रूल्स, सी एंड डी व अन्य तरह के वेस्ट के लिए बने नियमों का अनुपालन न करने वालों पर कार्रवाई भी करेगी. कमेटी के आदेश पर ही क्यूआरटी को भेजा जाएगा. जिस क्षेत्र में क्यूआरटी टीमें कूड़ा निस्तारण के लिए जाएंगी, वहां उस एरिया का सेनेट्री इंस्पेक्टर भी मौजूद होगा. बता दें कि शहर की साफ सफाई की पूर्ववर्ती व्यवस्था भी लागू रहेगी. क्यूआरटी व्यवस्था इसके समानान्तर चलेगी.
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