कर्नाटक में बढ़ती साम्प्रदायिकता के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को ज़िम्मेदार मानते हैं. हालांकि कुछ बीजेपी विधयाक भी अब अल्पसंख्यकों की दुकानों के बहिष्कार और हलाल मीट के खिलाफ चल रहे प्रचार को लेकर पार्टी लाइन से अलग दिख रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने बाक़ायदा इसके ख़िलाफ आवाज भी उठाई है.
पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि मंदिर परिसर से अल्पसंख्यको की दुकानों को हटाने की मांग के बाद हलाल मीट के त्योहारों में बहिष्कार और अब मुस्लिम व्यपारियों की दुकानों को अलग थलग करने की कोशिश, ये सब कर्नाटक में पहली बार हो रहा है. माहौल बिगड़ रहा है. सरकार के कुछ मंत्री इसे शह दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ख़ामोश हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री एक विशेष संगठन की कठपुतली हैं. उनके इशारे पर नाच रहे हैं. वो जो कहते हैं, ये कर रहे हैं. सरकार ने क्या फैसला लिया है. सरकार ने ऐसे मामलों के बारे में कोई फैसला नहीं किया है.
वहीं बीजेपी एमएलसी एच विश्वनाथ के बाद अब राजस्व मंत्री आर अशोक और बेलगावी से बीजेपी विधायक अनिल बेनेके भी मुस्लिम और ईसाईयों की दुकानों के बहिष्कार के विरोध में खड़े नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो हो रहा है, वह ठीक नहीं हो रहा. हर व्यक्ति को अपने हिसाब से व्यापार करने का अधिकार है. मुसलमानों के व्यापार करने से मुझे कोई तकलीफ नहीं है. हम लोग एक समाज में रहते हैं और उसमें ऐसी चीज नहीं होनी चाहिए.
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