Assam floods: पिछले 24 घंटे में असम में बाढ़ से पांच और लोगों की मौत हो गई है. जिसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 126 पहुंच गया है. बाढ़ के कारण 28 जिलों में 22 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. हालांकि, रविवार को बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है. प्रभावित इलाकों में 564 राहत शिविर और 116 राहत वितरण केंद्र अभी भी चल रहे हैं. 2.17 लाख लोग राहत शिविरों में हैं. वहीं मिजोरम सरकार ने बाढ़ से प्रभावित असम को पेयजल उपलब्ध कराने का फैसला किया है. एक आधिकारिक बयान में रविवार को यह जानकारी दी गयी. मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने रविवार को असम के अपने समकक्ष हेमंत बिस्व सरमा से फोन पर बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की और पड़ोसी राज्य में प्रभावित इलाकों तक पेयजल भेजने की योजना बनायी. सरमा ने इसके लिए जोरामथांगा का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह कछार के उपायुक्त से बात करेंगे और अधिकारी को मिजोरम से आने वाले पेयजल का वितरण करने की व्यवस्था करने को कहेंगे.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के दैनिक बुलेटिन के अनुसार, रविवार को बारपेटा, कछार, दर्रांग, करीमगंज और मोरीगांव जिलों के विभिन्न स्थानों पर चार बच्चों समेत पांच लोग डूब गए. इसके अलावा दो जिलों में दो लोग लापता हैं. बुलेटिन के अनुसार, बालाजी, बक्सा, बारपेटा, कछार, चिरांग, दर्रांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रुगढ़, गोलपाड़ा, गोलाघाट, हैलाकांडी, नलबाड़ी, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तमुलपुर और उदलगुड़ी जिलों में बाढ़ के कारण 22,21,500 से अधिक लोग प्रभावित हैं.
बारपेटा में सबसे ज्यादा करीब सात लाख लोग प्रभावित हैं. इसके बाद नगांव में 5.13 लाख और कछार में 2.77 लाख लोग प्रभावित हैं. कछार, डिब्रूगढ़ और मोरीगांव जिलों में कई स्थान भी बाढ़ से प्रभावित हैं. शनिवार तक 24 जिलों में 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित कछार जिले के सिलचर और कामरूप के हाजो का दौरा किया. उन्होंने राहत एवं बचाव अभियानों में लगी एजेंसियों को अपनी पहुंच बढ़ाने और जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के निर्देश दिए.
सिलचर शहर के एक सप्ताह से जलमग्न रहने के कारण सरमा ने माना कि प्रशासन अभी तक सभी लोगों तक नहीं पहुंच पाया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इससे इनकार नहीं कर रहे हैं.'' उन्होंने लोगों से इस मुश्किल वक्त में एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की अपील की और सिलचर में परोपकारी गतिविधियों की सराहना की. सरमा ने कहा कि ‘‘प्रशासन का करीब 50 फीसदी काम'' परोपकारी संगठन और लोग कर रहे हैं.
एएसडीएमए ने कहा कि अभी 2,542 गांव जलमग्न हैं और 74,706.77 एकड़ कृषि योग्य जमीन को नुकसान पहुंचा है. बुलेटिन में कहा गया है कि सेना, अर्द्धसैन्य बल, एनडीआरएफ, नागरिक प्रशासन, प्रशिक्षित स्वयंसेवक, दमकल और आपात सेवा के कर्मियों और स्थानीय लोगों ने पिछले 24 घंटे में राज्य के विभिन्न बाढ़ग्रस्त इलाकों से 1,912 लोगों को बचाया है.
VIDEO: राजस्थान में अग्निपथ से नाराज हैं युवा, लेकिन कर रहे हैं वायुसेना भर्ती की तैयारी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं