जम्मू-कश्मीर में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। एनडीआरएफ, सीआरपीएफ सेना के तीनों अंगों समेत कई सुरक्षा बल दिन-रात बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं। अब तक 2 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है, लेकिन अब करीब 1.5 लाख लोग जहां−तहां फंसे हुए हैं।
कश्मीर के कुछ इलाकों में आज बारिश के आसार जताए जा रहे हैं। ऐसे में बचाव और राहत कार्यों में रुकावट आ सकती है। सुबह भी श्रीनगर में कुछ देर बारिश हुई, जिसकी वजह से कुछ घंटों के लिए सेना को अपना ऑपरेशन रोकना पड़ गया था। मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए ऑटोमेटिक तकनीक का सहारा लिया गया है।
पानी घटने के साथ ही महामारी फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की टीमों के अलावा दवाइयों की खेप भी जम्मू-कश्मीर भेजेगी।
बाढ़ से आई तबाही के बाद श्रीनगर के सबसे ज्यादा प्रभावित बेमिना और बटमालू जैसे इलाकों में हालात बदतर हैं। पानी में बिजली का करंट, संकरे रास्ते और पानी की गहराई का कोई थाह नहीं। ऐसे में इन जगहों पर पहुंचना बचाव दल के लिए भी काफी मुश्किल है, लेकिन ऐसे हालातों से निपटने के लिए खासतौर पर प्रशिक्षित किए गए नेवी के मरीन कमांडोज इन इलाकों में पहुंच चुके हैं।
पूरा इलाका बाढ़ में डूबा हुआ है। अब भी पानी नहीं निकल रहा है, ऐसे में पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इंडियन नेवी के जवानों को देखते ही लोग मदद के लिए चिल्लाने लगते हैं।
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