तेजस Mk1A विमान श्रृंखला के पहले विमान LA5033 ने आज बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) फैसिलिटी से आसमान में उड़ान भरी. विमान 18 मिनट तक उड़ा और यह एक सफल उड़ान थी. एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने कहा, "फरवरी 2021 में अनुबंध पर हस्ताक्षर के बाद ग्लोबल जियो पॉलिटिकल इनवायरांमेंट में प्रमुख सप्लाई चेन की चुनौतियों के बीच एचएएल ने समवर्ती डिजाइन और डेवलपमेंट के साथ इस प्रोडक्शन में महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है."
सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी एचएएल के मुताबिक, विमान का संचालन मुख्य परीक्षण पायलट ग्रुप कैप्टन केके वेणुगोपाल (सेवानिवृत्त) कर रहे थे.
इस सफलता में योगदान देने के लिए रक्षा मंत्रालय, भारतीय वायु सेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और संबंधित निजी फर्मों के प्रति आभार जताते हुए एचएएल ने कहा कि देश तेजस एमके1ए को जल्द ही वायुसेना में शामिल करने की उम्मीद कर सकता है.
एचएएल ने कहा, "तेजस एमके1ए में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रडार, युद्ध और संचार प्रणाली, अतिरिक्त युद्ध क्षमता और बेहतर रखरखाव की सुविधाएं होंगी."
एचएएल ने 8 नवंबर 2023 को सीएसआईआर-नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (CSIR-NAL) के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (ToT) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
समझौते का उद्देश्य हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस एमके1ए के श्रृंखला उत्पादन के लिए बीएमआई इंजन बे डोर का निर्माण करना है. यह भारतीय वायु सेना के लिए एक स्वदेशी 4.5 पीढ़ी का हर मौसम में काम करने वाला और बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है.
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