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उत्तराखंड में धधक रहे थे जंगल, तड़प रहे थे पशु परिंदे, मां बनकर बरस गई बारिश

उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 64 फीसदी आग की घटनाओं पर किया गया काबू. हालांकि, अभी भी कई ऐसे इलाके हैं जहां आग बुझाई नहीं जा सकी है.

उत्तराखंड में धधक रहे थे जंगल, तड़प रहे थे पशु परिंदे, मां बनकर बरस गई बारिश
उत्तराखंड के जंगल की आग पर काफी हद तक पाया गया काबू (प्रतीकात्म चित्र)
नई दिल्ली:

उत्तराखंड में आग हर तरफ तबाही मचा रही है. जंगल की इस आग ने बीते कुछ दिनों में ही पहाड़ के पहाड़ को अपनी जद में ले लिया है. आग इस कदर फैल रहा था कि मानों अगले कुछ ही दिन में वो पूरे उत्तराखंड को ही अपनी चपेट में ले लगा. आनन-फानन में वायुसेना को भी इसपर काबू पाने के काम पर लगाया गया. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा रहा था. फिर वो हुआ जिसकी उम्मीद या यूं कहें जिसकी फरियाद उत्तराखंड में रहने वाला हर शख्स कर रहा था. मां बनकर बारिश आई और कई इलाकों में आग को फैलने से रोक दिया. इस बारिश का ही नतीजा रहा कि 24 घंटे के भीतर ही आग की घटनाओं में 64 फीसदी की कमी दर्ज की गई. मौसम की इस करवट ने जहां एक तरफ आग को बढ़ने से रोको वहीं दूसरी तरफ पहाड़ पर रहने वाले लोगों को आग की वजह से महसूस हो रही तपन से भी राहत दी. 

बीते 24 घंटे में 125 से घटकर 46 रह गई आग की घटनाएं

उत्तराखं मौसम विभाग ने अब कई इलाकों को लेकर अलर्ट जारी किया है. साथ विभाग की तरफ जारी एक बयान में कहा गया है कि छह मई को जंगल में आग की 125 घटनाएं सामने आई थीं जबकि सात मई को यह कम होकर 46 रह गईं. विभाग ने उत्तराखंड के कई इलाकों को लेकर येल अलर्ट भी जारी किया है. साथ ही उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, और नैनीताल में हल्की बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है. 

जिन इलाकों में अभी भी आग की लपटें देखी जा रही हैं उसे लेकर उत्तराखंड के वनविभाग ने एक बयान जारी किया है. विभाग ने अपने बयान में कहा है कि जंगल में लगी आग को बुझाने का युद्धस्तर पर प्रयास किया जा रहा है, जिसमें अन्य जिलास्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम भी सहयोग कर रही है. 

पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान के प्रयासों से जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए लगातार दूसरे दिन भी वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई, जिसने अलकनंदा नदी से बांबी बकेट में पानी भरकर आदवानी के जंगलों और आसपास के क्षेत्र में वनाग्नि प्रभावित इलाकों में छिड़काव किया. 

प्रभागीय वन अधिकारी स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि हेलीकॉप्टर से आग बुझाने का अभियान आगे भी जारी रहेगा. इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर देहरादून पहुंच रहे हैं और बुधवार को वह राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जंगल में आग की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करेंगे.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीएम धामी बुधवार को आग की घटनाओं को लेकर किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करेंगे. पौड़ी जिले के श्रीनगर सहित कई आसपास के इलाकों में फैली जंगल की आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर एमआई-17 की मदद ली जा रही है. 

पौड़ी जिले में अभी तक 150 से ज्यादा ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 100 हेक्टेयर से ज्यादा का जंगल और लाखों रुपये की वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है. इसके साथ ही मंगलवार को भी पौड़ी में जंगल में आग लगने की और 5 घटनाएं हुई हैं, जिनमें अदवाणी का रिजर्व फॉरेस्ट खिर्स का जंगल और पाबौ का जंगल समेत अन्य क्षेत्र में जंगल धू-धू कर जले.

कंडोलिया में जंगल की आग बढ़कर आस-पास के घरों तक पहुंच गई. वन विभाग और फायर ब्रिगेड की टीम ने बड़ी मुश्किल से काबू पाया. साथ ही कंडोलिया से बुआखाल जाने वाली रोड पर नागदेव मंदिर के पास रोड के किनारे मशरूम प्लांट के पास जंगल में आग लग गईजि, जिस पर समय रहते काबू पा लिया गया.

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