देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ सुभाष चंद्र बोस की फाइल फोटो
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी जिन फाइलों को सार्वजनिक किया गया है, उनमें मौजूद पत्रों से संकेत मिलता है कि वह 1945 के बाद भी जीवित थे और उनके परिवार की जासूसी की गई।
गौरतलब है कि नेताजी 70 साल पहले वर्ष 1945 में रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे और कहा जाता है कि नेताजी की एक विमान हादसे में मृत्यु हो गई थी। (पढ़ें - नेताजी की फाइलें सार्वजनिक के पीछे ममता की सोच)
1945 के बाद भी जीवित थे नेताजी
ममता ने केंद्र सरकार से भी नेताजी से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की। कोलकाता पुलिस संग्रहालय, जहां गोपनीय सूची से हटायी गई 64 फाइलें रखी हैं, का दौरा करने के बाद, ममता ने कहा, 'फाइलों में कुछ पत्र हैं, जिसमें कुछ लोगों ने कहा है कि नेताजी संभवत: 1945 के बाद भी जीवित थे।'
उन्होंने मीडिया से कहा, 'मुझे फाइलें पढ़ने का ज्यादा समय नहीं मिला। मैंने कुछ ही भाग देखा है और मैंने वे पत्र देखे हैं जिन्हें 1945 के बाद भी बीच में ही रोका गया और ऐसे दस्तावेज जो बताते हैं कि नेताजी के परिवार की जासूसी की गई।'
केंद्र सरकार भी फाइल करे सार्वजनिक
केंद्र सरकार से नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग करते हुए ममता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 70 साल बाद भी उनके लापता होने का रहस्य अभी तक नहीं सुलझा है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम नहीं जानते कि क्या हुआ (नेताजी के साथ)। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कितने दिनों तक आप इसे गोपनीय रख सकते हैं?'
ऐसा कहा जाता है कि केंद्र सरकार के पास मौजूद नेताजी से जुड़ी फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने पर भारत के साथ कुछ देशों के संबंध प्रभावित होंगे, इस संबंध में सवाल करने पर ममता ने कहा, 'अब हमें आजादी मिल गई है। उन नेताओं को सम्मानित करने में कोई नुकसान नहीं है, जिन्होंने हमें आजादी दिलायी। हमें उन्हें सलाम करना चाहिए। फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने से पहले हमने देखा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ ना हो। अगर किसी देश के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध हैं तो, हमें उनकी समीक्षा करने की जरूरत है।'
गौरतलब है कि नेताजी 70 साल पहले वर्ष 1945 में रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे और कहा जाता है कि नेताजी की एक विमान हादसे में मृत्यु हो गई थी। (पढ़ें - नेताजी की फाइलें सार्वजनिक के पीछे ममता की सोच)
1945 के बाद भी जीवित थे नेताजी
ममता ने केंद्र सरकार से भी नेताजी से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की। कोलकाता पुलिस संग्रहालय, जहां गोपनीय सूची से हटायी गई 64 फाइलें रखी हैं, का दौरा करने के बाद, ममता ने कहा, 'फाइलों में कुछ पत्र हैं, जिसमें कुछ लोगों ने कहा है कि नेताजी संभवत: 1945 के बाद भी जीवित थे।'
उन्होंने मीडिया से कहा, 'मुझे फाइलें पढ़ने का ज्यादा समय नहीं मिला। मैंने कुछ ही भाग देखा है और मैंने वे पत्र देखे हैं जिन्हें 1945 के बाद भी बीच में ही रोका गया और ऐसे दस्तावेज जो बताते हैं कि नेताजी के परिवार की जासूसी की गई।'
केंद्र सरकार भी फाइल करे सार्वजनिक
केंद्र सरकार से नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग करते हुए ममता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 70 साल बाद भी उनके लापता होने का रहस्य अभी तक नहीं सुलझा है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम नहीं जानते कि क्या हुआ (नेताजी के साथ)। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कितने दिनों तक आप इसे गोपनीय रख सकते हैं?'
ऐसा कहा जाता है कि केंद्र सरकार के पास मौजूद नेताजी से जुड़ी फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने पर भारत के साथ कुछ देशों के संबंध प्रभावित होंगे, इस संबंध में सवाल करने पर ममता ने कहा, 'अब हमें आजादी मिल गई है। उन नेताओं को सम्मानित करने में कोई नुकसान नहीं है, जिन्होंने हमें आजादी दिलायी। हमें उन्हें सलाम करना चाहिए। फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने से पहले हमने देखा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ ना हो। अगर किसी देश के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध हैं तो, हमें उनकी समीक्षा करने की जरूरत है।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
ममता बनर्जी, नेताजी का रहस्य, सुभाष चंद्र बोस, Subhash Chandra Bose, Netaji Mystery, Netaji Files, Mamata Banerjee