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This Article is From Jan 17, 2023

अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका, भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर पर भी दिख रहा असर

अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया गहराता जा रहा है. दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने से वहां डिमांड घटती जा रही है.

अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका, भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर पर भी दिख रहा असर
नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया गहराता जा रहा है. दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने से वहां डिमांड घटती जा रही है. इसका सीधा असर भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर पर पड़ रहा है. सितंबर 2021 के मुकाबले दिसंबर 2022 में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट करीब 12 फ़ीसदी घट गया है. अमेरिका यूरोप समेत दुनिया के कई बड़े देशों में कारपेट एक्सपोर्ट करने वाले एक्सपोर्टर ओपी गर्ग चिंतित हैं. अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह से विदेशी बाजारों में भारतीय कारपेट की डिमांड घटती जा रही है.

ओपी गर्ग ने एनडीटीवी से कहा कि कारपेट बिजनेस में अक्टूबर से मार्च के बीच सबसे अहम समय होता है. अगर दिसंबर महीने में कारपेट एक्सपोर्ट घट गया है तो यह बहुत ही चिंताजनक है. वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2021 के मुकाबले दिसंबर 2022 में कारपेट का एक्सपोर्ट -21.93% घट गया है.

अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में मंदी का असर कारपेट समेत 13 प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर पड़ा है. दिसंबर 2021 के मुकाबले दिसंबर, 2022 में  सबसे ज्यादा -34.82% की गिरावट Cotton Yarn और हथकरघा उत्पाद सेक्टर में दर्ज़ की गयी है.  हैंडमेड कारपेट्स को छोड़कर हैंडीक्राफ्ट सेक्टर में गिरावट 30.97 प्रतिशत हुई है.

अभ्रक, कोयला और अन्य  खनिज के क्षेत्र में 23.66 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है. रत्न और आभूषण सेक्टर में गिरावट 7.22 प्रतिशत दर्ज़ की गयी है. दरअसल वाणिज्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अप्रैल से दिसंबर 2022 के दौरान जहां एक तरफ भारत से चीन एक्सपोर्ट घट गया है, जबकि चीन से आयात बढ़ गया है. इस वजह से चीन के साथ व्यापार घाटा 100 बिलीयन डॉलर के ऊपर चला गया है.

FIEO के सीईओ अजय सहाय ने एनडीटीवी से कहा कि चीन के साथ व्यापार में व्यापार घाटा बढ़ने का सबसे बड़ा कारण भारतीय एक्सपोर्ट में गिरावट है. इस साल एक्सपोर्ट 37% गिर गई है. आयरन Ore, कॉपर, अल्मुनियम, स्टील जैसे रॉ मैटेरियल चीन को हम ज्यादा भेजते हैं. क्योंकि अर्थव्यवस्था चीन में कमजोर हुई है इसलिए रॉ मैटेरियल के एक्सपोर्ट पर असर पड़ा है. चीन से फिनिश्ड गुड्स काफी ज्यादा आ रहे हैं जो चिंता की बात है.

अब एक्सपोर्टर चाहते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल के बजट में एक्सपोर्ट सेक्टर में लिक्विडिटी फ्लो बढ़ाने के लिए विशेष पहल का ऐलान करें क्योंकि पिछले कुछ महीनों में क्रेडिट काफी महंगा हो गया है. बजट 2023 से ठीक पहले दिसंबर महीने में एक्सपोर्ट में आई गिरावट चिंता की बात है अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अगर मंदी का दौर ज्यादा लंबा चला तो भारतीय एक्सपोर्ट सेक्टर पर इसका असर भी बढ़ता जाएगा. अब देखना महत्वपूर्ण होगा 30 साल के बजट को अंतिम रूप देने में जुटी वित्त मंत्री इस भर्ती चुनौती से निपटने के लिए बजट 2023 में क्या नए फैसलों का ऐलान करती हैं

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