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ये अल्लाह का कहर... श्रीनगर हाइवे धंसने से सेब के ट्रक फंसे तो फारुक अब्दुल्ला ने बताई अजीब वजह

उधमपुर के पास श्रीनगर-जम्मू हाइवे धंसने से पिछले तीन हफ्ते से आवाजाही ठप है. सेब से लदे करीब 5 हजार ट्रक फंसे हुए हैं. कश्मीर में जरूरी चीजों की किल्लत हो गई है. इसी पर जम्मू कश्मीर के सीएम के पिता फारुक अब्दुल्ला ने बयान दिया है.

ये अल्लाह का कहर... श्रीनगर हाइवे धंसने से सेब के ट्रक फंसे तो फारुक अब्दुल्ला ने बताई अजीब वजह
  • लैंडस्लाइड के कारण पिछले तीन हफ्ते से ठप श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर सेब से लदे सैकड़ों ट्रक फंसे हैं.
  • इस संकट के लिए जम्मू कश्मीर के सीएम के पिता फारुक अब्दुल्ला ने अजीबोगरीब वजह बताई है.
  • उनका कहना है कि ये सब अल्लाह का कहर है क्योंकि हम लोग अल्लाह से दूर होते जा रहे हैं, नमाज नहीं पढ़ रहे हैं.
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श्रीनगर-जम्मू हाइवे पिछले तीन हफ्ते से ठप है. बारिश और लैंडस्लाइड से थराद पुल के पास सड़क का करीब 60 मीटर का हिस्सा धंस गया है. इसके कारण आवाजाही रुक गई है. कश्मीरी सेब से लदे करीब 5 हजार ट्रक फंसे हुए हैं. कश्मीर में जरूरी चीजों की किल्लत हो गई है. इस संकट के लिए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पिता फारुक अब्दुल्ला ने अजीबोगरीब वजह बताई है. उनका कहना है कि ये सब अल्लाह का कहर है क्योंकि हम लोग अल्लाह से दूर होते जा रहे हैं, नमाज नहीं पढ़ रहे हैं. 

साजिश के आरोप पर सियासत गरमाई

दरअसल कश्मीर के सेब उद्योग के विकराल संकट के लिए कुछ नेता साजिश का आरोप लगा रहे हैं. सेब के सीजन में नेशनल हाइवे के इतने लंबे समय तक बंद रखने को कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की साजिश करार दे रहे हैं. घाटी के सेब उत्पादक किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है. उन्होंने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी किया है. हालात को देखते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात की. केंद्र पर निशाना भी साधा. सियासत भी गरमा गई है. हालांकि अब रेल के जरिए सेब निकाले जा रहे हैं.  

'कुछ लोग दिल्ली की मेहरबानी पर जिंदा'

नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारुक अब्दुल्ला से सेब पर सियासत और साजिश के इन्हीं आरोपों को लेकर सवाल पूछा गया था. इसके जवाब में फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में सियासत कभी बंद नहीं होगी. उन्होंने कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा का नाम लिए बिना इशारों में कहा कि कुछ लोगों उनके घरों से ही सियासत चलती है. कुछ लोग दिल्ली से पैसा लाते हैं, उन्हीं की मेहरबानियों पर जिंदा हैं. जिस दिन वो पैसा बंद हो जाएगा, वो भी गिर जाएंगे.

फारुक बोले, हम अल्लाह से दूर हो गए हैं

क्या ये संकट जानबूझकर पैदा किया गया है? इस सवाल पर फारुक ने कहा कि कोई जानबूझकर नहीं किया गया. मुझे ये बताएं कि पहाड़ क्या लोगों ने गिराया था? जो इतनी बारिश आई, क्या वो लोगों ने कराई थी? उन्होंने आगे कहा कि ये अल्लाह का कहर था... क्योंकि हम अल्लाह से बहुत दूर हो गए हैं, हम नमाज नहीं पढ़ते हैं. बरकते आला (ऊपरवाले की मेहरबानी) मिलता है तो क्या हम किसी गरीब का भला करते हैं? 

गाजा का जिक्र कर बोले, मालिक को याद करो

फारुक यहीं नहीं रुके, उन्होंने इसे गाजा से जोड़ते हुए कहा कि ये मुसीबतें हमें जगाती हैं. उस मालिक को याद करो. उसी के पास जाना है. तभी वो इन मुश्किलों से निकालेगा. आज गाजा की हालत देखिए. इजराइल उनको उड़ाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन क्या कोई मुसलमान मुल्क आवाज उठा रहा है. हजारों लोग मर रहे हैं, क्यों... क्योंकि वो अल्लाह से दूर हैं. वो नहीं जानते कि अल्लाह है और वो उन्हें आजमा रहा है. 

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