कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन के संदर्भ में एक टेलीविजन समाचार चैनल पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह (Ravneet Singh) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनके इस बयान को "धमकी" और "राष्ट्रीय एकता को नुकसान" पहुंचाने के रूप में देखा गया है और "असंगति" का कारण बना. रवनीत सिंह जो पंजाब के कुछ अन्य साथी सांसदों के साथ नई दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले कुछ हफ्तों से धरने पर हैं, उन्होंने आत्मसमर्पण करने की पेशकश की है.
सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 504 और 506 के तहत 31 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी, जो कि शांति भंग करने के लिए उकसाने के इरादे से संबंधित है.
तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध पर एक चर्चा के दौरान 25 दिसंबर को एक टेलीविजन चैनल पर उनके बयान पर मामला दर्ज किया गया था. दिल्ली के शिकायतकर्ता नवीन कुमार ने आरोप लगाया है कि सिंह के बयानों से जनता में भय पैदा होने की संभावना है और ये किसी भी व्यक्ति को राज्य या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, प्राथमिकी में कहा गया है.
चर्चा के दौरान सिंह ने कहा था, "किसानों का जारी विरोध समाप्त नहीं होगा और हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शवों का ढेर कर सकते हैं, खून बहा सकते हैं और किसी भी हद तक जा सकते हैं."
अपने खिलाफ दायर मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने 1 जनवरी को एक फेसबुक लाइव वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह एफआईआर को अपने लिए "पदक" मानते हैं.
उन्होंने दिल्ली पुलिस को नियंत्रित करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए वीडियो में कहा, "मैं पूरा दिन यहां बैठा हूं, कृपया आएं और मुझे गिरफ्तार करें. और अगर आप में मुझे गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं है, मैं खुद आकर आत्मसमर्पण करूंगा."
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