चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस ललित के कार्यकाल का सोमवार को आखिरी सत्र था. उनके कार्यदिवस के आखिरी दिन समारोह पीठ बैठी. सीजेआई के साथ उनके उत्तराधिकारी सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ पारंपरिक तौर पर दाहिने ओर बैठे. वहीं, बिलकुल बाईं ओर जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी बैठीं. कार्यसूची में शामिल 15 मुकदमों में से अधिकतर मध्यस्थता और ट्रांसफर से संबंधित थे.
कोर्ट रूम में एसएसजी ऐश्वर्या भाटी ने भी रिटायर हो रहे सीजेआई जस्टिस ललित को शुभकामनाएं दीं. भावी चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कई यशस्वी चीफ जस्टिस हुए लेकिन आपने अपनी अलग और विशिष्ट पहचान बनाई. आपने जो सुधारात्मक उपाय लागू किए वो आगे भी जारी रहेंगे.
उन्होंने कहा, " आपकी कानून और भारतीय सामाजिक जीवन की गहरी समझ आपको कोर्ट के अंदर और बाहर अलग व विशिष्ट पहचान बनाती है." जस्टिस चंद्रचूड़ ने जस्टिस ललित के परिवार और उनके पिता को भी बहुत सी शुभकामनाएं प्रेषित की.
सीजेआई जस्टिस ललित ने कहा कि पहली बार सुप्रीम कोर्ट में आए तो सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ के सामने और अब कमान सौंप रहे हैं तो जस्टिस चंद्रचूड़ को ही. संविधान पीठ को लेकर जस्टिस ललित ने कहा कि एक साथ तीन तीन संविधान पीठ को सुनवाई करते देखा तो काफी संतोष हुआ. काफी संतुष्टि के साथ इस महिमामय कोर्ट से विदा ले रहा हूं.
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