
नई दिल्ली:
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने उन रिपोर्टों को 'पूरी तरह गलत तथा शरारतपूर्ण तरीके से प्लान्ट की गई' करार दिया है, जिनमें कहा गया था कि भारत के पूर्व नौसेनाधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाए जाने पर पाकिस्तान की निंदा करने के लिए प्रस्ताव की भाषा तैयार करने में सुषमा स्वराज ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से मदद मांगी है.
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बुधवार सुबह लिखा, "ख़बर पूरी तरह गलत है, और शरारतपूर्ण तरीके से मीडिया में प्लान्ट की गई थी..."
उन्होंने इससे पहले भी पोस्ट किया था, "मेरे मंत्रालय में काबिलियत की कोई कमी नहीं है... मुझे बेहद काबिल सचिवों की मदद हासिल है..."
सोमवार को मीडिया में रिपोर्टें थीं कि 46-वर्षीय कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों में पाकिस्तान को चेतावनी देता बयान देने वाली विदेशमंत्री ने दोनों सदनों में रखे जाने वाले प्रस्ताव की भाषा तैयार करने के लिए शशि थरूर से सहायता मांगी है.
इस पर शशि थरूर ने NDTV से कहा था, "यह ऐसा मुद्दा है, जो हम सभी को प्रभावित करता है..."
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा बलूचिस्तान में 'जासूसी तथा तोड़फोड़ की गतिविधियों' का दोषी करार देकर कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने की भारतीय संसद ने पूरी तरह एकजुट होकर भर्त्सना की. अपने बयान में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "(कुलभूषण) जाधव द्वारा कोई गलत हरकत किए जाने का सबूत नहीं है... यदि है भी, तो वह उस साजिश का शिकार बना है, जो भारत पर कलंक लगाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन और सहायता दिए जाने की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बंटाने के लिए रची गई है..." सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि "यदि वह इस मुद्दे (कुलभूषण जाधव) पर आगे बढ़ता है, तो उसे द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर विचार कर लेना चाहिए..."
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बुधवार सुबह लिखा, "ख़बर पूरी तरह गलत है, और शरारतपूर्ण तरीके से मीडिया में प्लान्ट की गई थी..."
उन्होंने इससे पहले भी पोस्ट किया था, "मेरे मंत्रालय में काबिलियत की कोई कमी नहीं है... मुझे बेहद काबिल सचिवों की मदद हासिल है..."
सोमवार को मीडिया में रिपोर्टें थीं कि 46-वर्षीय कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों में पाकिस्तान को चेतावनी देता बयान देने वाली विदेशमंत्री ने दोनों सदनों में रखे जाने वाले प्रस्ताव की भाषा तैयार करने के लिए शशि थरूर से सहायता मांगी है.
इस पर शशि थरूर ने NDTV से कहा था, "यह ऐसा मुद्दा है, जो हम सभी को प्रभावित करता है..."
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा बलूचिस्तान में 'जासूसी तथा तोड़फोड़ की गतिविधियों' का दोषी करार देकर कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने की भारतीय संसद ने पूरी तरह एकजुट होकर भर्त्सना की. अपने बयान में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "(कुलभूषण) जाधव द्वारा कोई गलत हरकत किए जाने का सबूत नहीं है... यदि है भी, तो वह उस साजिश का शिकार बना है, जो भारत पर कलंक लगाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन और सहायता दिए जाने की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बंटाने के लिए रची गई है..." सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि "यदि वह इस मुद्दे (कुलभूषण जाधव) पर आगे बढ़ता है, तो उसे द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर विचार कर लेना चाहिए..."
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
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