विज्ञापन

फडणवीस की कैबिनेट का फॉर्मूला; शक्ति संतुलन और गठबंधन धर्म, अनुभवियों के साथ युवाओं को नेतृत्व

देवेंद्र फडणवीस ने महायुती गठबंधन में शामिल दलों को उनकी ताकत के हिसाब से हिस्सा दिया है. बीजेपी के कुल 19 मंत्री, शिवसेना के 11 मंत्री और एनसीपी के 9 मंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट का हिस्सा बनाए गए हैं.

फडणवीस की कैबिनेट का फॉर्मूला; शक्ति संतुलन और गठबंधन धर्म, अनुभवियों के साथ युवाओं को नेतृत्व
नागपुर में फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल किए गए 39 मंत्रियों ने शपथ ली.
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में रविवार को बीजेपी-शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन वाली महायुती सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. कैबिनेट में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के घटक दलों के बीच शक्ति संतुलन की तस्वीर सामने आई. हालांकि जब तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो जाता तब तक फडणवीस कैबिनेट का स्पष्ट चेहरा सामने नहीं आ सकेगा, लेकिन मोटे तौर पर देखा जाए तो फडणवीस ने हर दल की ताकत के हिसाब से उसे उसका हिस्सा दिया है.  

बीजेपी के कुल 19 मंत्री, शिवसेना के 11 मंत्री और एनसीपी के 9 मंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट का हिस्सा बनाए गए हैं. इसमें बीजेपी के 16, शिवसेना के 9 और एनसपी के 8 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. राज्यमंत्री बीजेपी के 3, शिवसेना के 2 और एनसीपी का एक बनाया गया है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 132 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी 41 सीटों पर विजयी रही. 

बीजेपी ने शिवसेना से दोगुनी से अधिक सीटों पर और एनसीपी से तिगुनी से अधिक सीटों पर जीत हासिल की. यदि सीटों के हिसाब से सरकार में भागीदारी का हिस्सा देखें तो बीजेपी ने शिवसेना और एनसीपी को कहीं अधिक मंत्री पद दिए हैं.  बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी की सीटें 132, 57 और 41 हैं जबकि इन तीनों दलों के पास मंत्री पद क्रमश: 19, 11 और 9 हैं. अब इसमें मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों, यानी देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार को भी जोड़ें तो यह संख्या 20, 12 और 10 हो जाती है. बीजेपी ने कैबिनेट में गठबंधन धर्म निभाया और 'बड़े भाई' की भूमिका निभाई है.  

Latest and Breaking News on NDTV

 

साल 2022 में उद्धव ठाकरे की सरकार के तख्तापलट के बाद एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 38 विधायकों ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी. तब मत्रिमंडल में 50-50 प्रतिशत पदों का फॉर्मूला तय हुआ था. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के नौ विधायक मंत्री बने थे. बीजेपी की ओर से देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री और पार्टी के 9 विधायक मंत्री बने थे.

पिछले साल अजित पवार अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करके 40 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे- और फडणवीस की सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार को डिप्टी सीएम और उनके साथ आए आठ विधायकों को मंत्री बनाया गया था. एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत कुल 29 मंत्री शामिल थे. अब फडणवीस की कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 42 मंत्री हैं. 

देवेंद्र फडणवीस के मंत्रिमंडल में कुल 39 मंत्रियों को शामिल किया गया, जिसमें करीब 15 ऐसे चेहरे हैं, जिनको पहली बार मंत्री बनने का अवसर मिला है. मंत्रिमंडल में सदस्यों की कुल संख्या 42 हो गई है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मंत्रियों को विभागों का आवंटन अगले दो दिनों में किया जाएगा.

चार महिला विधायकों को मंत्री बनाया गया. बीजेपी की तीन महिला विधायक मंत्री बनाई गई हैं. बीजेपी की पंकजा मुंडे और एनसीपी की अदिति तटकरे कैबिनेट मंत्री बनी हैं. बीजेपी की माधुरी मिसाल और मेघना बोर्डिकर राज्यमंत्री बनाई गई हैं. संयोग की बात है कि इस मंत्रिमंडल में बीजेपी की ओर से पंकजा मुंडे और एनसीपी के कोटे से उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे मंत्री बनाए गए हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी से जिन मंत्रियों ने शपथ ली है, वे अगले ढाई साल तक ही मंत्री बने रहेंगे. उसके बाद आगे के ढाई साल के लिए मंत्री पदों पर इन दलों के अन्य विधायकों को मौका दिया जाएगा. अजित पवार ने मंत्रिमंडल की शपथ से पहले ही इस आशय की बात सार्वजनिक रूप से कही है.  

देवेंद्र फडणवीस के मंत्रिमंडल में अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन है. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. वे नागपुर के कामठी से चुनाव जीते हैं. इससे पहले वे एमएलसी रह चुके हैं. बावनकुले तीन दशकों से बीजेपी में हैं. वे साल 2014 से 2019 तक मंत्री रह चुके हैं.

शिरडी से आठ बार विधायक रह चुके बीजेपी के राधाकृष्ण विखे पाटिल मंत्री बनाए गए हैं. पाटिल सन 1995 में शिवसेना-बीजेपी सरकार में और 1999 से 2014 तक कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री रहे थे. पाटिल सन 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे. 

पुणे के कोथरुड से दो बार विधायक चुने जा चुके बीजेपी के चंद्रकांत पाटिल पहले एमएलसी थे. पाटिल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. वे 2014 से 2019 तक फडणवीस की सरकार में मंत्री रहे थे.

मुंबई की मालाबार हिल सीट से सात बार विधायक रह चुके मंगल प्रभात लोढ़ा मंत्री बन गए हैं. वे पार्टी की मुंबई इकाई का नेतृत्व भी कर चुके हैं. गिरीश महाजन जलगांव जिले के जामनेर से सात बार विधानसभा चुनाव जीते चुके हैं. वे 2014-2019 के बीच और फिर 2022 से 2024 के बीच भी मंत्री रह चुके हैं. 52 साल के आशीष शेलार मुंबई के बांद्रा पश्चिम से तीन बार विधायक रह चुके हैं. वे मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं. गणेश नाइक पहले  शिवसेना में थे. वे इसके बाद एनसीपी में और फिर साल 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे. वे 1999 से 2014 के बीच कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री रहे थे.

Latest and Breaking News on NDTV

एनसीपी के हसन मुश्रीफ कोल्हापुर जिले की कागल सीट से छह बार एमएलए रह चुके हैं. पिछले साल वे एनसीपी के अजित पवार गुट के साथ चले गए थे. माधुरी मिसाल पहली बार मंत्री बनी हैं. वे पुणे की पार्वती सीट से चार बार विधायक रह चुकी हैं. बीजेपी की मेघना बोर्डिकर परभणी जिले के जिंतूर से दो बार विधायक रह चुकी हैं. पंकजा मुंडे बीड से लोकसभा चुनाव हार गई थीं, लेकिन वे एमएलसी हैं. गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा पहले भी मंत्री रह चुकी हैं. 

संजय सावकारे 2014 में एनसीपी से बीजेपी में गए थे. वे भुसावल के विधायक हैं. उनको कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम के बेटे योगेश कदम (38) दापोली विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. एनसीपी विधायक नरहरि जिरवाल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है. वे अजित पवार के करीबी हैं. नितेश राणे पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के पुत्र हैं. वे कंकावली से तीन बार विधायक रह चुके हैं. आकाश फुंडकर खामगांव से तीन बार विधायक रह चुके हैं. वे पूर्व महाराष्ट्र के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष स्वर्गीय पांडुरंग फुंडकर के बेटे हैं.

महारष्ट्र के नए मंत्रिमंडल में कई दिग्गज नेताओं का पत्ता कट गया है.  एनसीपी के छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल, बीजेपी के सुधीर मुनगंटीवार एवं शिवसेना से अब्दुल सत्तार व दीपक केसरकर मंत्रिमंडल में नहीं लिए गए हैं. छगन भुजबल एनसीपी के तो वरिष्ठ नेता हैं ही, महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के भी सबसे वरिष्ठ नेता माने जाते हैं. सुधीर मुनगंटीवार बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. वे 1995 में पहली बार बनी शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में, 2014 की फडणवीस सरकार में और 2022 में शिंदे सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. अब्दुल सत्तार और दीपक केसरकर एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं. बीजेपी के रवींद्र चव्हाण को भी मंत्री नहीं बनाया गया है. शिवसेना से अर्जुन खोतकर, तानाजी सावंत का भी पत्ता कट गया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com