विज्ञापन
This Article is From Jun 02, 2023

श्रीलंका का आरोप, भारतीय आई ड्रॉप से 35 लोगों की आंखों में संक्रमण, भारत में जांच शुरू

स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका (Sri Lanka) से पत्र मिलने के बाद तत्काल दवा की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. कंपनी के मौजूदा बैच को सील कर दिया गया है. नमूने केंद्रीय प्रयोगशाला भेजे हैं, जहां से 10 से 15 दिन में रिपोर्ट मिलने की संभावना है.

श्रीलंका का आरोप, भारतीय आई ड्रॉप से 35 लोगों की आंखों में संक्रमण, भारत में जांच शुरू
श्रीलंका में भारतीय आई ड्रॉप से 35 लोगों की आंखों में संक्रमण का मामला सामने आया है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

श्रीलंका (Sri Lanka) में भारतीय आई ड्रॉप से 35 मरीजों की आंखों में संक्रमण होने का मामला सामने आया है. इसके बाद भारत निर्मित दवा की जांच शुरू हुई हो गई है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के सूत्रों ने बताया कि गुजरात (Gujarat) की फार्मा कंपनी की दवा की जांच की जा रही है. शिकायत मिली है कि मिथाइल प्रेडनिसोलोन आई ड्रॉप (Eye Drops) का उपयोग करने के बाद मरीजों में बैक्टीरिया संक्रमण बढ़ा है. इसी साल मार्च में कंपनी ने आईड्रॉप के दो बड़े बैच श्रीलंका निर्यात किए, लेकिन अप्रैल में वहां के तीन बड़े अस्पतालों में करीब 30 लोगों ने दवा लेने के बाद आंखों में संक्रमण की शिकायत की.

इसके बाद श्रीलंका की सरकार ने न सिर्फ दवा पर तत्काल रोक लगाई, बल्कि उसके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी. इस बीच कंपनी ने भी अपनी दवाओं को वापस ले लिया. श्रीलंका सरकार ने 16 मई को पत्र लिखकर भारत से भी निष्पक्ष जांच की अपील की. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने चेतावनी देते हुए कहा कि फार्मा उद्योग देश की साख से जुड़ा है. अगर गुणवत्ता से समझौता किया जाता है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं रहेगा और इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

पंद्रह दिनों में आएगी रिपोर्ट 
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका से पत्र मिलने के बाद तत्काल दवा की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. कंपनी के मौजूदा बैच को सील कर दिया गया है. नमूने केंद्रीय प्रयोगशाला भेजे हैं, जहां से 10 से 15 दिन में रिपोर्ट मिलने की संभावना है.

नौ माह में चौथा मामला आया सामने
यह नौ माह में चौथा ऐसा मामला है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हुए हैं. पहले गांबिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत के पीछे भारतीय कंपनियों के कफ सीरप को जिम्मेदार ठहराया गया था. जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फार्मा क्षेत्र की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हुए थे. इसी तरह का एक मामला मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में भी सामने आया, जिसके बाद बीते अप्रैल माह में डब्ल्यूएचओ ने अलर्ट जारी किया.
 

यह भी पढ़ें : 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com