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अमेरिका से कब होगी ट्रेड डील? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा, जानें

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मेरे लिए विदेश नीति हर वक्त आपके हिसाब से नहीं चल सकती है, इश्‍यू होगा, आज अमेरिका से है, कल किसी और के साथ हो सकता है. ऐसे मुद्दों पर बात करनी होती है और उससे निकलना होता है.

अमेरिका से कब होगी ट्रेड डील? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा, जानें
  • विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत-अमेरिका रिश्तों में मेहनत को महत्वपूर्ण बताया.
  • उन्‍होंने कहा कि आज अमेरिका से इश्‍यू है, कल किसी से हो सकता है. ऐसे मुद्दों पर बात करना और निकलना होता है.
  • अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर जयशंकर ने कहा कि कूटनीति के लिए हमेशा आशावादी रहना चाहिए.
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नई दिल्‍ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों पर अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी देश के साथ कूटनीतिक रिश्तों के लिए हमेशा आशावादी रहना चाहिए. उन्होंने कहा हर सरकार और हर अमेरिकी राष्ट्रपति का रिश्तों के आगे ले जाने का अपना तरीका होता है. डोनाल्ड ट्रंप का भी अलग है. जयशंकर ने एनडीटीवी के CEO और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल के साथ बातचीत में जयशंकर ने अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर भी संकेत दिए. उन्होंने कहा कि ये कभी भी हो सकता है, यहां तक कि एक सप्ताह में भी.

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "मेरे लिए विदेश नीति हर वक्त आपके हिसाब से नहीं चल सकती है, इश्‍यू होगा, आज अमेरिका से है, कल किसी और के साथ हो सकता है. ऐसे मुद्दों पर बात करनी होती है और उससे निकलना होता है. कारोबार पर कोई बात बन सकती है, हम बातचीत कर सकते हैं. ये देश के लाइवलीहुड का सवाल है. हमारे लिए वर्कर, फॉर्मर और मिडिल क्लास अहम है."

अमेरिका के साथ कब होगी ट्रेड डील

अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर जयशंकर ने कहा कि कूटनीति के लिए हमेशा आशावादी रहना चाहिए. ये कभी भी हो सकता है, कभी कभी एक सप्ताह में हो सकता है.

साथ ही विदेश मंत्री ने कहा कि बातचीत में कोई कमी नहीं हो रही है, कई राउंड की बातचीत हो रही है. हमें देखना होगा कि कब समझौता होगा. ये जल्दी भी सकता है और देरी भी हो सकती है.

भारत-रूस के रिश्‍तों पर भी की बात

इसके साथ ही विदेश मंत्री ने भारत और रूस के रिश्‍तों पर भी बात की. उन्‍होंने कहा कि रूस और भारत ने कई अप एंड डाउन देखे हैं. साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी अहम रहे हैं. हालांकि, रूस के चीन और यूरोप के साथ रिश्ते काफी ऊपर और नीचे रहे हैं.

इस दौरान उन्‍होंने कहा कि विदेश नीति किसी मूवी से ज्यादा अलग होती है, पुतिन का भारत आना दोनों देशों के लिए क्या अहम है. इससे ज्यादा अहम है कि दिल्ली और मॉस्को के बीच क्या हुआ? दोनों देशों का रिश्ता अच्छा है और दोनों अपनी पॉजिशन के साथ हैं. हम आपसी सहयोग को मजबूत कर रहे हैं.

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