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भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत का स्‍वागत, भारतीय निर्यातकों की मांग- वापस लिया जाए 25% सेकेंडरी टैरिफ

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने का निर्यातकों और उद्योग जगत ने स्वागत किया है. FIEO के CEO और डीजी डॉ. अजय सहाय ने कहा कि हम भारत और अमेरिका के मुख्य वार्ताकारों के बीच हुई बातचीत का स्वागत करते हैं.

भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत का स्‍वागत, भारतीय निर्यातकों की मांग- वापस लिया जाए 25% सेकेंडरी टैरिफ
  • भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने का निर्यातकों और उद्योग जगत ने स्वागत किया है.
  • रेसिप्रोकल टैरिफ का असर दिखना शुरू हो गया है. अगस्त में भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट एक अरब डॉलर तक घट गया है.
  • भारतीय एक्सपोर्टर चाहते हैं कि ट्रंप प्रशासन ने जो 25% सेकेंडरी टैरिफ भारत पर लगाया है, उसे वापस लिया जाए.
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नई दिल्‍ली :

निर्यातकों और उद्योग जगत ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता फिर से औपचारिक रूप से शुरू होने का स्वागत किया है. मंगलवार को भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता पर वार्ता के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में यूनाइटेड स्‍टेट ट्रेड रिप्रजेंटेटिव के अधिकारियों और विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के बीच बातचीत से रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर उठे तनाव के खत्‍म होने की उम्मीद बढ़ी है.

एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में एक्सपोर्टरों के सबसे बड़े संगठन - फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (FIEO) के CEO और डीजी डॉ. अजय सहाय ने कहा, "हम भारत और अमेरिका के मुख्य वार्ताकारों के बीच हुई बातचीत का स्वागत करते हैं. हमें उम्मीद है कि इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस महीने के अंत तक भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता का छठा राउंड पूरा हो जाएगा".

एक अरब डॉलर तक घटा एक्‍सपोर्ट

FIEO के मुताबिक, सरकार की तरफ से जारी लेटेस्ट ट्रेड डाटा में ये खुलासा हुआ है कि अगस्त 2025 के दौरान भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट करीब एक अरब डॉलर तक घट गया है, जो दर्शाता है कि रेसिप्रोकल टैरिफ का असर दिखना शुरू हो गया है.

डॉ. अजय सहाय कहते हैं, "इस इस साल जुलाई महीने में भारत से अमेरिका कुल एक्सपोर्ट करीब 8 अरब डॉलर था जो अगस्त महीने में घटकर 6.8 बिलियन डॉलर रह गया. भारतीय एक्सपोर्टर चाहते हैं कि ट्रंप प्रशासन ने जो 25% सेकेंडरी टैरिफ भारत पर लगाया है, उसे वापस लिया जाए क्‍योंकि इससे भारतीय एक्सपोर्टरों को काफी नुकसान हो रहा है. सितंबर महीने के आंकड़े जब सामने आएंगे तो बड़ी तस्वीर साफ होगी कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% रेसिप्रोकल टैरिफ का भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर पर कितना असर पड़ा है".

PHDCCI ने बातचीत का किया स्‍वागत

उधर, उद्योग संघ PHDCCI के अध्यक्ष हेमंत जैन ने भारत और अमेरिका के बीच हुई ट्रैड टॉक्स पर एक बयान जारी कर कहा, "PHDCCI मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा और भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भारत के वाणिज्य विभाग के साथ हुई रचनात्मक चर्चा का स्वागत करता है. यह सकारात्मक और दूरदर्शी वार्ता दोनों देशों की आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और दोनों पक्षों के व्यवसायों के लिए नए अवसर खोलने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है. हमारा मानना ​​है कि पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते के शीघ्र समापन से न केवल द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि नवाचार, प्रतिस्पर्धात्मकता और समावेशी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा".

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