केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जी20 शिखर सम्मेलन की उपलब्धियों के संबंध में एनडीटीवी से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 की जो सफलता मिली है, वो अमिट छाप छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन जो साझा घोषणापत्र सामने आया, इसमें कोई दो राय नहीं कि इसमें भारत का बहुत प्रभाव और महत्वपूर्ण योगदान रहा है. भारत की अध्यक्षता में ये जी20 शिखर सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण रहा है.
बहुत सारे लोगों को लगता था कि डेक्लरेशन नहीं होगा...
मुझे कल एक एंबेसडर ने कहा कि बीते इतने सालों में यह सबसे प्रभावशाली जी20 समिट रहा है. कई मुद्दों पर समझौते हुए हैं. वैश्विक स्थिति और कई देशों में चल रहे संघषों को देखते हुए बहुत सारे लोगों को लगता था कि इस बार जी20 के दौरान कोई डेक्लरेशन नहीं होगा. लेकिन यह एक सबूत है भारत की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्लोबल स्टेंडिंग का, कि डेक्लरेशन हुआ है. साथ ही भारत की अध्यक्षता में ये सबसे प्रभावशाली जी20 शिखर सम्मेलन रहा, जिसमें कई मुद्दों पर सभी देशों की सहमति बनी है.
साल 2015 में पीएम मोदी ने जो वीजन रखा था, वो...
भारत का अमेरिका के बीच 6जी को लेकर भी समझौता हुआ है. इसे लेकर आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "मुझे संतुष्टि है, गर्व भी है कि साल 2015 में पीएम मोदी ने जो वीजन रखा था, उन्होंने सरकार के कामकाज के तरीके में बदलाव लाने में, लोगों के जीवन में बदलाव लाने में, परिवर्तन लाने के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर(DPI) का नरेटिव सामने रखा था, उसे पूरा किया. आधार, यूपीआई, डिजीलॉकर, ई-संजीवनी जैसे अलग-अलग एप्लिकेशन बनाए, जिससे काफी परिवर्तन देखने को मिला. आज जी20 के देश और अफ्रीकन यूनियन के देश इसकी सराहना कर रहे हैं और ये कह रहे हैं कि अन्य देशों तक भी इसे पहुंचाएं. भारत एक ग्लोबल डीपीआई कोष बनाए, जिससे अन्य देशों और हमारे ग्लोबल साउथ के देशों को भी डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में कम लागत में ज्यादा मदद मिले."
ये भारत की बढ़ती ग्लोबल ताकत...
उन्होंने कहा, "मेरा मामना है कि डीपीआई और टेक्नोलॉजी में लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाने की जो ताकत है, उसको जी20 जैसे मंच पर मान्यता मिली है. साथ ही इसे लेकर कई समझौतों पर सहमति होना और सबसे बड़ी बात कि ग्लोबल डीपीआई कोष की जिम्मेदारी भारत को मिलना बेहद बड़ी उपलब्धि है. ये भारत की बढ़ती ग्लोबल ताकत और प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों का परिणाम है. इसके साथ ही भारत के जो मूल सिद्धांत हैं, 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' की अवधारणा पर चलना, भारत के सुझाए गए मुद्दों पर सहमति बनना एक बड़ी उपलब्धि है."
मैं भारतवासी पहले से था, आज हूं और कल भी रहूंगा...
देश का नाम भारत या 'इंडिया' की चर्चा पर आईटी मंत्री ने कहा, "मैं भारतवासी पहले से था, आज हूं और कल भी रहूंगा. मेरा देश भारत था, आज भी है और कल भी रहेगा. जी20 डेक्लरेशन को लेकर मुझे बेहद गर्व महसूस हो रहा है कि मैं भारतीय हूं. विश्व के सभी लोग हमें भारतवासी के नाम से जानते हैं. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मार्ग्रेट मॅक्लाउड ने भी भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में हिंदी में टिप्पणी की. ऐसे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि हमारी आत्मा, दिल और दिमाग में जो डीएनए है, भारतीय है. जो कल था, आज है और कल भी रहेगा और हम भारतवासी हैं."
क्या अब इंडिया शब्द गायब हो जाएगा और सिर्फ भारत का इस्तेमाल होगा..? इस पर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि देखिए, 'इंडिया' के गायब होने का कोई सवाल नहीं है. लेकिन मूलरूप से हम भारतवासी हैं. मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई विवाद होना चाहिए. यह गर्व की बात है कि हमारी कल्चर, हैरिटेज, फिलोस्फी, आइडियल को दुनिया के देश मान रहे हैं और सम्मान दे रहे हैं. इसी विरासत को लेकर हमें गर्व के साथ आगे बढ़ना है और विकसित भारत बनाना है. यही हमारा संकल्प है.
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