एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वित्त मंत्रालय के उस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है जिसमें मंत्रालय ने नॉर्थ ब्लॉक में पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है. गिल्ड ने मंत्रालय के इस आदेश को प्रेस की आजादी के लिए खतरा बताया है. गिल्ड ने मंत्रालय के इस ऑर्डर के खिलाफ एक पत्र भी जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रेस की आजादी को लेकर भारत की छवि और खराब होगी. बता दें कि फिलहाल उन्हीं मान्यता प्राप्त पत्रकारों को वित्त मंत्रालय के अंदर दिया जा रहा है जिन्होंने पहले से ही किसी अधिकारी से मिलने समय तय किया हुआ है. वित्त मंत्रालय के इस आदेश पर गिल्ड का कहना है कि मंत्रालय के साथ इस बात से गिल्ड का कोई विवाद नहीं है कि पत्रकारों को संयम और जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना चाहिए लेकिन इस तरह का आदेश इसका उत्तर नहीं है.
The Editors Guild of India has issued a statement - https://t.co/xrPM0vb2jK pic.twitter.com/4SmDy0fIBX
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) July 10, 2019
गिल्ड द्वारा लिखे पत्र में कहा है कि पत्रकार सरकारी दफ्तरों में सुविधा और विजटर्स रूम के आव-भगत के लिए नहीं जाते हैं. वे वहां खबरें जुटाने के अपने चुनौतीपूर्ण काम के लिए जाते हैं. यह उनके लिए चैलेंज होता है. यह निर्णय दूसरे मंत्रालयों को भी प्रेरित कर सकता है, इन्हीं सब कारणों से प्रेस फ्रीडम के मामले में भारत की रैंकिंग और गिर जाएगी. बता दें कि अभी प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भारत का स्थान 180 देशों में 141 वां है.
गिल्ड के अनुसार यह आदेश मीडिया की स्वतंत्रता पर एक कुठाराघात की तरह है. अगर वित्त मंत्री का मानना है कि सरकारी कार्यालयों में पत्रकारों की पहुंच की वजह से कुछ असुविधाएं हो रही हैं तो पत्रकारों के साथ बातचीत करके इसमें सुधार किया जा सकता है. खास बात यह है कि मंत्रालय में पीआईबी कार्ड रखने वाले पत्रकारों को भी बगैर किसी अधिकारी से समय लिए प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. गिल्ड ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और इसे वापस लेने का निवेदन किया है. वहीं दूसरी तरफ, वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि ऐसा कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं हुआ है.
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