
15 अगस्त 2025 के दिन लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने जीएमटी में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म की बात कही थी. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने इन सुधारों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि जीएसटी को कंज्यूमर बोनांजा बनाने की दिशा में एक अहम कदम है. हालांकि CAIT ने वित्तमंत्री को लेटर लिख कर एक सुझाव भेजा है.
'देश में आंतरिक व्यापार तंत्र मजबूत हो सकता है'
CAIT ने कहा है कि सरकार जीएसटी को आसान और टैक्स स्लैब में तर्कसंगत सोच के साथ देश में आंतरिक व्यापार तंत्र मजबूत कर सकती है, जिससे छोटे खुदरा व्यापारी, किराना स्टोर, फेरीवाले और पान की दुकान चलाने वाले फायदे में रहेंगे. ये सभी देश के लास्ट माइल रिटेल नेटवर्क की रीढ़ हैं.
'बिवरेज से होती है शानदार कमाई'
कैट ने अपने पत्र में कहा कि, 'जब जीएसटी टैक्स सिस्टम को रि-स्ट्रक्चर किया जा रहा है, तो एक और टैक्स स्लैब को रिडिजाइन करना जरूरी है. केवल बिवरेज (Beverage) ही छोटे किराना स्टोरों की सेल्स का लगभग 30% हिस्सा रखते हैं. लेकिन अभी इन प्रोडक्ट्स पर हाई जीएसटी लगाया जाता है. इससे छोटे दुकानदारों की इनकम कम होती है, जबकि बिकने वाले सबसे ज्यादा यही प्रोडक्ट्स हैं. ऐसे में अगर इससे छोटे व्यापारियों की इनकम को बढ़ जाए तो उनके लिए व्यापार करना बेहद ही आसान होगा.'
'वैश्विक स्तर पर पेय पदार्थों पर औसत टैक्स रेट 16–18% के बीच'
CAIT ने जिक्र किया कि वैश्विक स्तर पर पेय पदार्थों पर औसत टैक्स रेट 16–18% के बीच है और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स को 18% जीएसटी स्लैब में रखने से भारत वैश्विक बाजार के साथ मिलकर चलेगा. इसलिए कार्बोनेटेड ड्रिंक्स को 18% स्लैब में फिर से जोड़ा जाए. इस कदम के साथ वैल्यू चेन भी मजबूत होगी.
कैट ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा ने व्यापारियों में अपार आशा का संचार किया है. हमें विश्वास है कि रोजमर्रा के उपयोग वाले ड्रिंक्स प्रोडक्ट्स के जीएसटी स्लैब में बदलाव से छोटे व्यापारियों, खरीदारों के साथ देश की अर्थव्यव्स्था को फायदा मिलेगा'.
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