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एमटेक ऑटो ग्रुप पर ईडी ने कसा शिकंजा, 588 करोड़ की संपत्तियों को किया अटैच

एमटेक ऑटो ग्रुप की कंपनियों और प्रमोटर अरविंद धाम से जुड़ी 588 करोड़ रुपये की अटैच संपत्तियों में हरियाणा के यमुनानगर जिले के हुंदे वाला, रतौली और कंसापुर गांवों में 28 एकड़ जमीन और पंचकूला जिले के कोट और खांगेसरा गांवों में 67.5 एकड़ जमीन शामिल है.

एमटेक ऑटो ग्रुप पर ईडी ने कसा शिकंजा, 588 करोड़ की संपत्तियों को किया अटैच
  • प्रवर्तन निदेशालय ने एमटेक ऑटो ग्रुप और प्रमोटर अरविंद धाम की 588.57 करोड़ रुपये की संपत्तियां धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अटैच की हैं.
  • अटैच की गई संपत्तियों में हरियाणा के यमुनानगर और पंचकूला जिलों की जमीन के अलावा दिल्ली-एनसीआर की कई संपत्तियां शामिल हैं.
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फरवरी 2024 में शुरू हुई जांच में बैंकों से लिए गए लोन के गैरकानूनी दुरुपयोग और भारी नुकसान पहुंचाने के आरोप शामिल हैं.
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नई दिल्‍ली :

बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में एमटेक ऑटो ग्रुप की कंपनियों और प्रमोटर अरविंद धाम से जुड़ी 588.57 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने अटैच किया है. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money-Laundering Act) के तहत की गई है. ED के मुताबिक, अटैच की गई संपत्तियों में हरियाणा के यमुनानगर जिले के हुंदे वाला, रतौली और कंसापुर गांवों में 28 एकड़ जमीन और पंचकूला जिले के कोट और खांगेसरा गांवों में 67.5 एकड़ जमीन शामिल है. इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में भी कई अचल संपत्तियां अटैच की गई हैं.

इतना ही नहीं, 8.70 करोड़ रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट और 14.6 करोड़ रुपये के शेयर भी अटैच किए गए हैं. ED की जांच में पता चला है कि पंकज दयाल रियलटेक कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी चलाते हैं, उससे जुड़े कुछ संदिग्ध ट्रांजेक्शंस भी सामने आए हैं. इसमें पिट्टी इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयर और अन्य डिमैट बैलेंस शामिल हैं, जो एमटेक ग्रुप की रियल एस्टेट यूनिट से निकली अपराध की कमाई से जुड़े हुए हैं.

पहले भी हो चुकी है बड़ी कार्रवाई

इससे पहले भी ईडी ने 5 सितंबर 2024 को 5115.31 करोड़ रुपये और 26 मार्च 2025 को 557.49 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की थीं. पहले की गई अटैचमेंट को PMLA की एडज्‍युडिकेटिंग अथॉरिटी ने भी कंफर्म कर दिया है. अब तक इस मामले में कुल अटैच की गई संपत्तियों का मूल्य 6261.37 करोड़ रुपये हो चुका है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शुरू हुई थी जांच

ED ने यह जांच 27 फरवरी 2024 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुरू की थी, जब कोर्ट एमटेक ऑटो ग्रुप के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रहा था. इसके अलावा IDBI बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शिकायतों पर CBI ने भी एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि एमटेक ग्रुप ने बैंकों से लिए गए लोन का गैरकानूनी तरीके से दुरुपयोग किया और बैंकों को भारी नुकसान पहुंचाया.

बाद में 29 अप्रैल 2025 को CBI ने अरविंद धाम और एमटेक के अन्य पूर्व डायरेक्टर्स के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की, जिसे ED ने अपने ईसीआईआर का हिस्सा बनाया.

हो चुकी है गिरफ्तारी और चार्जशीट भी

इस मामले में पहले ही 40 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी, अरविंद धाम की गिरफ्तारी और 6 सितंबर 2024 को चार्जशीट दायर की जा चुकी है. अब आगे की जांच जारी है.

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