
कोरोना वायरस (Coronavirus) देशवासियों के साथ-साथ सरकार के लिए भी बड़ी मुसीबत साबित हो रहा है. यह वायरस ज्यादा लोगों तक न फैले इसके लिए पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले ही पूरे देश में अगले 21 दिनों तक लॉकडाउन (Lockdown) लागू करने का ऐलान किया था. लेकिन इस सबके बीच मयूर विहार में रहने वाले लुकमान और उसके परिवार के लिए यह लॉकडाउन एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया. ऐसा इसलिए क्योंकि इस लॉकडाउन के दौरान ही उनका लापता बेटा शनिवार को सुबह तीन बजे घर वापस आ गया.
यह संभव हुआ है दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग (DEPWD) की कोशिशों की वजह से. दरअसल हुआ कुछ यूं था कि बेटे के लापता होने के बाद लुकमान ने पहले अपने स्तर पर उसकी कई दिनों तक तलाश की थी. जब वह उसे ढूंढ पाने में असफल रहा तो उसने एक एनजीओ के ज़रिए आखिरकार इसकी सूचना दिव्यांग विकास विभाग को दी. उसे उम्मीद थी कि इस विभाग के लोग उसके बेटे को ढूंढकर जरूर ला देंगे. और लुकमान को विभाग के लोगों ने निराश नहीं किया. दिव्यांग के लापता होने की सूचना मिलते ही युद्ध स्तर पर उसकी तलाश शुरू की गई.
विभाग को तलाश के दौरान पता चला कि मानसिक रूप से बीमार लापता युवक ट्रेन पकड़ कर पंजाब के अमृतसर तक पहुंच गया है. इस सूचना के मिलने के बाद विभाग (DEPwD) ने स्थानीय पुलिस की मदद से दिव्यांग को अमृतसर में तलाश शुरू की. काफी सघन जांच अभियान के बाद आखिरकार विभाग के लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर लापता को ढूंढ ही निकाला. खास बात यह है कि यह काम लॉकडाउन के दौरान किया गया है.
विभाग के अधिकारियों ने दिव्यांग को पांडव नगर थाने के पुलिसवालों की मदद से शनिवार को सुबह तीन बजे उसके परिवार से मिला दिया. बता दें कि दिव्यांग का पिता दिल्ली में मजदूरी के साथ-साथ रिक्शा चलाता है. पिता ने बताया कि पिछले पांच साल के उनके बेटे के दिमाग का इलाज दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में चल रहा है.
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