
- विकास यादव की शादी उनके घर पर इसलिए हुई क्योंकि कोर्ट ने उन्हें घर पर रहने का आदेश दिया था.
- विकास की पत्नी हर्षिका यादव शिकोहाबाद की रहने वाली हैं और वे बीएससी, बीएड कर चुकी हैं तथा एमएससी कर रही हैं.
- विकास यादव 23 साल से जेल में हैं और उनकी सजा पूरी होने में लगभग दो साल और बाकी हैं.
डीपी यादव फिर चर्चा में हैं. इस बार चर्चा हुई उनके बेटे विकास यादव की. एनडीटीवी ने उनसे बात कर जाना कि आखिर क्यों विकास यादव की शादी इतनी सादगी से की गई. उनकी बहू कौन हैं, कितनी पढ़ी-लिखी हैं और विकास यादव की सजा कब पूरी होगी? इसके साथ ही सजा पूरी होने के बाद विकास आगे क्या करेंगे? क्या वो राजनीति में आएंगे?
शादी घर पर क्यों हुई

डीपी यादव ने बताया कि विकास को अपनी मां की गंभीर बीमारी का ऑपरेशन कराने के लिए न्यायालय ने बेल दिया. उसकी मां अभी भी गंभीर रूप से बीमार हैं. इसीलिए शादी राजनगर निवास स्थान पर हुई. एक महीने पहले सगाई हो गई थी और कल शादी हो गई. घर में शादी इसलिए हुई क्योंकि कोर्ट ने विकास को घर पर रहने का ऑर्डर दिया था. मां की भी इच्छा थी कि बेटे की सगाई और शादी उनके सामने हो. शादी में परिवार के सभी लोग मौजूद थे.
हर्षिका यादव कितनी पढ़ी-लिखी
हर्षिका यादव शिकोहाबाद की रहने वाली हैं. उनके पिता का नाम उदयराज सिंह यादव है. वहां कॉलेज में वह प्रिंसिपल हैं. ये लोग मुलायम सिंह के परिवार से आते हैं. बहू ने बीएससी, बीएड किया है. अभी एमएससी कर रही हैं. एक अच्छी पढ़ी-लिखी बच्ची हैं. एक अच्छा पढ़ा-लिखा और सभ्य परिवार है. विकास की मां ने उसे पसंद किया है.
विकास आगे क्या करेंगे

विकास एक पढ़ा-लिखा नौजवान है. उसने बीटेक किया हुआ है. एमबीए भी है. वो खुद तय करेगा कि उसे आगे क्या करना है. वो समझदार बच्चा है. मैं तो ये चाहूंगा कि वो राजनीति में आए लेकिन आखिरी फैसला विकास और उनकी पत्नी आपस में मिलकर करेंगे कि उन्हें क्या करना है. विकास 23 साल से जेल में बंद हैं और उनकी सजा में लगभग 2 साल और बचे हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा तो वो दो साल बाद जेल से बाहर आ जाएंगे. हम ईश्वर में मानने वाले लोग हैं.
परिवार आर्य समाजी
रिपोर्टर ने जब पूछा कि आप भी एक अलग मामले में जेल में थे. आप और विकास दोनों जेल में बंद थे तो परिवार कैसे रहा? तो डीपी यादव ने कहा कि राजनीति संभावनाओं का एक खेल है. तरह-तरह के षडयंत्र राजनीति में होते रहते हैं. मैं भी एक षडयंत्र का शिकार था, लेकिन उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने मुझे बाइज्जत बरी कर दिया. हमने ना तो कोई अपराध किया है और ना ही अपराधी हैं. मेरे पिता तेजपाल स्वतंत्रता सेनानी हुआ करते थे. आजादी के आंदोलन में उन्होंने जेल काटी. महात्मा गांधी से लेकर पंडित नेहरू के हर आंदोलन में उन्होंने भाग लिया. हमारा परिवार आर्य समाजी है. कोई भी काम शुरू करने से पहले हवन और यज्ञ करते हैं. मैंने 15,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया हुआ है. मेरे नोएडा वाले स्कूल में 15,00 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. हमारे अन्य स्कूलों में करीब 18,000 बच्चे पढ़ते हैं.
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