
Vitamin Deficiency: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर तनाव, घबराहट और चिंता से जूझते नजर आते हैं. कई बार इन परेशानियों की वजह हमारे हालात नहीं, बल्कि शरीर के अंदर छुपी कमी हो सकती है. डॉक्टर और रिसर्च बताते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लक्षण, जैसे बेचैनी, डर (Dar Kyon Lagta Hai) और डिप्रेशन, सिर्फ इमोशन नहीं बल्कि पोषण से भी जुड़े होते हैं. खासतौर पर विटामिन D3 (Vitamin D3 Ke Liye Kya Khayen) की कमी इस समस्या को गहरा कर सकती है. धूप से मिलने वाला ये विटामिन सिर्फ हड्डियों के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे दिमाग और मानसिक स्थिति को स्थिर रखने के लिए भी जरूरी है. वैसे डॉक्टर्स का यह भी मानना है कि अगर बेहतर खानपान होगा तो आप तनाव, घबराहट और डर से निजात पा सकते हैं. पर उससे पहले आपको यह जानना होगा कि यह किस विटामिन की कमी से होता है और कैसे हम बेहतर जीवनशैली और खानपान से इसे ठीक कर सकते हैं.
विटामिन D3 क्यों है खास? (Why Vitamin D3 Is Necessary)
विटामिन D3 मारे दिमाग में न्यूरो स्टेरॉयड की तरह काम करता है. इसका मतलब है कि ये दिमाग की गतिविधियों और हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है. जब शरीर में इसकी पर्याप्त मात्रा होती है, तो व्यक्ति खुद को ज्यादा शांत, आत्मविश्वासी और संतुलित महसूस करता है. लेकिन जब इसकी कमी हो जाती है तो मन बेचैन रहने लगता है और बिना वजह डर या चिंता घेर लेती है.

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कमी से क्या हो सकते हैं लक्षण? (Effects Of Vitamin D3 Deficiency)
शोध में पाया गया है कि जिन लोगों में विटामिन D3 का स्तर कम होता है. उन्हें मानसिक रूप से कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. इनमें शामिल हैं:
• लगातार घबराहट या बेचैनी महसूस होना
• नींद में परेशानी, बार-बार जागना या नींद न आना
• मूड का बिगड़ना, चिड़चिड़ापन और उदासी
• एनर्जी की कमी और थकान
ये सभी लक्षण धीरे धीरे जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं और गंभीर मानसिक समस्याओं की ओर भी ले जा सकते हैं.
कैसे पूरी करें विटामिन D3 की कमी? (Diet For Vitamin D3)
सबसे आसान तरीका है सुबह की धूप लेना. रोजाना 10-15 मिनट हल्की धूप में बैठना शरीर के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा आहार में भी बदलाव कर विटामिन D3 की मात्रा बढ़ाई जा सकती है.

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विटामिन D3 से भरपूर आहार
• अंडे
• दूध और डेयरी उत्पाद
• बादाम और अन्य ड्राई-फ्रूट्स
अगर फिर भी कमी बनी रहती है तो डॉक्टर की सलाह लेकर सप्लीमेंट लेना सही विकल्प हो सकता है. लेकिन सप्लीमेंट शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की राय लेना जरूरी है.
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