असम में चार जिलों का "अशांत क्षेत्र" का दर्जा 6 महीने के लिए बढ़ाया गया

चार जिले तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव और शिवसागर वे क्षेत्रों हैं, जिन पर उग्रवादी संगठनों की निरंतर मौजूदगी के कारण विशेष ध्यान देने की जररूत है.

असम में चार जिलों का

प्रतीकात्मक तस्वीर.

गुवाहाटी:

असम सरकार ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA), 1958 के तहत चार जिलों की "अशांत क्षेत्र" की स्थिति को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है. चार जिले तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव और शिवसागर वे क्षेत्रों हैं, जिन पर उग्रवादी संगठनों की निरंतर मौजूदगी के कारण विशेष ध्यान देने की जररूत है. 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विचार-विमर्श के बाद एक अप्रैल से चार जिलों में आफस्पा (AFSPA) के विस्तार को मंजूरी दे दी.

असम पुलिस ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव सौंपकर चार जिलों का "अशांत क्षेत्र" का दर्जा बढ़ाने की मांग की थी. असम पुलिस के अनुसार, राज्य की समूची कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है. लेकिन इन जिलों में एक उग्रवादी समूह सक्रिय बना हुआ है.

राज्य सरकार के राजनीतिक विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि आफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र' तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव और शिवसागर जिलों में इस कानून की अवधि छह माह के लिए और बढ़ा दी गई है.

एक अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकार के गृह व राजनीतिक विभाग ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था जिस पर उचित विचार-विमर्श के बाद और छह महीने के लिए ‘अशांत क्षेत्र' के संबंध में ‘यथास्थिति' बरकरार रखने का फैसला लिया गया.

इसके बाद असम सरकार ने केंद्र के निर्देशों पर यह अधिनियम 30 सितंबर 2024 तक बढ़ा दिया है. यह अधिनियम सुरक्षा बलों को कहीं पर भी अभियान चलाने तथा किसी को भी पूर्व में वारंट दिए बगैर गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. यह अभियान के गलत संचालन के मामले में सुरक्षा बलों को कुछ हद तक आपराधिक कार्रवाई से छूट भी देता है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इससे पहले यह कानून नौ जिलों और कछार जिले के एक उपमंडल को छोड़कर पूरे असम से एक अप्रैल 2022 को हटा दिया गया था. राज्य को नवंबर 1990 में आफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया था और इसके बाद से बार-बार छह महीने के लिए इसे बढ़ाया जाता रहा.
(इनपुट भाषा से भी)