प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली तीनों कंपनियों ने अपनी देनदारी और ख़र्च को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और इसकी एवज में आम लोगों को 8 हज़ार करोड़ को चूना लगाया। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी ख़बर में यह दावा किया गया है। खबर में दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली DISCOMS पर सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि दिल्ली में बिजली की कीमतों में भी अभी काफी कमी करने की संभावना है।
अख़बार के मुताबिक 212 पेज की सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी यमुना पावर लिमिटेड (BYPL), अनिल अंबानी की कंपनी राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) और टाटा ग्रुप की टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन (TPDDL) ने अपने ग्राहकों की जानकारी, बिजली की ख़रीद मूल्य जैसी कई जानकारी में हेराफेरी कर अपने ख़र्च को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर बिजली कंपनियां गड़बड़ी कर रही थीं तो सरकार क्या कर रही थी।
अखबार की खबर में CAG रिपोर्ट में इन कंपनियों पर ये भी आरोप लगाया गया है कि इन्होंने अपनी सिस्टर कंपनियों से डील का दिखावा किया, जिससे घाटे के और अधिक बढ़ा -चढ़ाकर दिखाया जा सके।
इसके साथ ही रिपोर्ट में दिल्ली में मीटर में गड़बड़ी और उसके ठीक किए जाने के आदेश के बाद बदले गए मीटर में भी इन कंपनियों पर अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाया गया है। इस रिपोर्ट को दिल्ली में केजरीवाल सरकार के लिए वरदान की तरह देखा जा सकता है, क्योंकि 2014 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही केजरीवाल ने सीएजी से मुलाक़ात कर उन्हें बिजली कंपनियों के ऑडिट के लिए कहा था।
अख़बार के मुताबिक, इस ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना सब्सिडी दिए भी दिल्ली में बिजली के बिल में कमी लाई जा सकती है।
अख़बार के मुताबिक 212 पेज की सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी यमुना पावर लिमिटेड (BYPL), अनिल अंबानी की कंपनी राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) और टाटा ग्रुप की टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन (TPDDL) ने अपने ग्राहकों की जानकारी, बिजली की ख़रीद मूल्य जैसी कई जानकारी में हेराफेरी कर अपने ख़र्च को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर बिजली कंपनियां गड़बड़ी कर रही थीं तो सरकार क्या कर रही थी।
अखबार की खबर में CAG रिपोर्ट में इन कंपनियों पर ये भी आरोप लगाया गया है कि इन्होंने अपनी सिस्टर कंपनियों से डील का दिखावा किया, जिससे घाटे के और अधिक बढ़ा -चढ़ाकर दिखाया जा सके।
इसके साथ ही रिपोर्ट में दिल्ली में मीटर में गड़बड़ी और उसके ठीक किए जाने के आदेश के बाद बदले गए मीटर में भी इन कंपनियों पर अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाया गया है। इस रिपोर्ट को दिल्ली में केजरीवाल सरकार के लिए वरदान की तरह देखा जा सकता है, क्योंकि 2014 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही केजरीवाल ने सीएजी से मुलाक़ात कर उन्हें बिजली कंपनियों के ऑडिट के लिए कहा था।
अख़बार के मुताबिक, इस ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना सब्सिडी दिए भी दिल्ली में बिजली के बिल में कमी लाई जा सकती है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
दिल्ली, बिजली कंपनियां, डिस्कॉम, सीएजी रिपोर्ट, दिल्ली सरकार, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली बिजली कंपनियां, Delhi, Power Companies In Delhi, DISCOMs, CAG Report, Delhi Government, Arvind Kejriwal, Delhi Power Companies, हिंदी खबर, हिंदी समाचार, बीएसईएस यमुना पावर लि., बीए