महाराष्ट्र में सियासी संग्राम जारी है. बीजेपी ने रातोंरात बाजी पलट दी और बड़ा उलटफेर करते हुए राज्य में सरकार बना ली. पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस जहां दूसरी बार सीएम बने, तो वहीं, एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अजित के इस फैसले से खुद को अलग कर लिया है और उनपर कार्रवाई करते हुए उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है. अजित की जगह जयंत पाटिल को NCP विधायक दल का नेता बनाया गया है. शरद पवार के साथ-साथ उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने भी अजित पर निशाना साधा है और उन्होंने कहा कि पार्टी और परिवार बिखर चुका है. सुले ने कहा कि यह कठिन समय है, लेकिन उन्हें काफी कुछ सोचने और समझने का मौका मिला है.
NCP के ५४ में से ५३ शरद पवार जी के साथ रहेंगे। अजीत पवार अकेले रह जायेंगे। शरद पवार के उत्तराधिकारी की समस्या भी हल हो गयी। बधाई सुप्रिया!!
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 24, 2019
पवार परिवार में जारी संघर्ष के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सुप्रिया सुले को बधाई दी है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'NCP के 54 में से 53 विधायक शरद पवार जी के साथ रहेंगे. अजित पवार अकेले रह जायेंगे. शरद पवार के उत्तराधिकारी की समस्या भी हल हो गयी. बधाई सुप्रिया!' गौरतलब है कि अजित पवार भले ही महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए हों, लेकिन उनके साथ एनसीपी के कितने विधायक हैं, यह अभी साफ नहीं है. एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं और इनमें से अजित के समर्थन वाले विधायकों ने अभी पत्ता नहीं खोला है. एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार का दावा है कि अजित पवार के शपथ लेने के दौरान सिर्फ एक दर्जन विधायक ही उनके साथ थे, जिसमें से तीन पार्टी के पास वापस आ चुके हैं और दो अन्य वापस आ सकते हैं.
किसी दल को नहीं मिला था बहुमत
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और 24 अक्टूबर को परिणाम आए थे. चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था.
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