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धराली में बादल फटने के बाद केरल के 28 पर्यटकों का ग्रुप लापता, 11 सैनिकों का भी अता-पता नहीं

अधिकारियों ने बताया कि इस वक्त गंगोत्री धाम में लगभग 400 यात्री हैं, जो सुरक्षित हैं. फंसे लोगों को निकालने के लिए भारतीय सेना ने एमआई-17 औैर चिनूक हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं जो मौसम साफ होते ही उड़ान भरेंगे.

  • उत्तरकाशी के धराली में महाआपदा के बाद कई राज्यों के पर्यटकों के लापता होने की खबरें हैं.
  • केरल से गंगोत्री घूमने आए 28 पर्यटकों का दल भी धराली में बादल फटने के बाद से लापता है.
  • हर्षिल आर्मी कैंप के 11 सैनिकों का भी पता नहीं चल पा रहा है. कुल 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
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उत्तराखंड में उत्तरकाशी के धराली में आई महाआपदा के बाद मलबे में जिंदगी की तलाश जारी है. बुधवार दोपहर तक करीब 150 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. 50 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. केरल राज्य से उत्तराखंड घूमने आए 28 पर्यटकों के एक ग्रुप का भी पता नहीं चल पा रहा है. लापता लोगों में हर्षिल के आर्मी कैंप के 11 सैनिक भी शामिल हैं. 

एक दिन पहले बेटे से हुई थी बात 

परिजनों ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड में लापता हुए 28 लोगों में से 20 केरल के मूल निवासी थे, जो बाद में महाराष्ट्र में जाकर बस गए. बाकी 8 लोग केरल के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं. पर्यटकों के इस ग्रुप में शामिल एक दंपति के रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि दंपति के बेटे से उनकी आखिरी बार एक दिन पहले बात हुई थी. 

उत्तरकाशी से गंगोत्री के लिए निकले थे

उन्होंने बताया कि ये लोग सुबह करीब 8.30 बजे उत्तरकाशी से गंगोत्री के लिए निकले थे. इसी रास्ते में भूस्खलन हुआ. उसकेबाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है. उन्होंने आगे बताया कि हरिद्वार की एक ट्रैवल एजेंसी ने 10 दिन का उत्तराखंड टूर प्लान किया था. हालांकि ट्रैवल एजेंसी भी इस ग्रुप के बारे में कोई अपडेट नहीं दे पा रहा है.दंपति के रिश्तेदार ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है. उन्होंने संपर्क न होने को लेकर कहा कि हो सकता है कि उनके फोन की बैटरी अब खत्म हो गई हो. उस इलाके में फिलहाल कोई मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है.

महाराष्ट्र के चार युवक भी लापता

इन पर्यटकों के अलावा महाराष्ट्र के सोलापुर से धराली आए चार युवकों का भी कोई पता नहीं चल पा रहा है. इनके नाम विट्ठल पुजारी, समर्थ दशारा, धनराज बांगले और मल्हार धोत्रे बताए जा रहे हैं. मंगलवार दोपहर के इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. बताया जा रहा है कि आपदा से पहले करीब 11 बजे इन युवकों ने अपने परिजनों को फोन पर बताया था कि वो ठीक हैं और गंगोत्री के पास ठहरे हुए हैं. 

जिला केंद्र ने बताया कि इस वक्त गंगोत्री धाम में लगभग 400 यात्री हैं, जो सुरक्षित हैं. फंसे लोगों को निकालने के लिए भारतीय सेना ने एमआई-17 औैर चिनूक हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं जो मौसम साफ होते ही उड़ान भरेंगे. एनडीआरएफ के डीआईजी (ऑपरेशन) मोहसिन शहीदी ने बताया कि आपदा में 50 लोगों के लापता होने की जानकारी उन्हें मिली है.

धराली में 5 लोगों की मौत की पुष्टि 

गौरतलब है कि गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री के रास्ते के महत्वपूर्ण पड़ाव धराली में 5 अगस्त की दोपहर लगभग 1:45 बजे सैलाब आया था. पहाड़ों के ऊपर संभवतः बादल फटने के बाद पानी के साथ मलबा आया और धराली में बने तमाम इमारतों को ताश के पत्ते की तरह ढहाकर निकल गया. धराली में जिस जगह ये आपदा आई, वहां से करीब चार किमी दूर हर्षिल में भारतीय सेना का कैंप है. इस कैंप के भी कई जवान लापता बताए जा रहे हैं. 

धराली में अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. मलबे में लोगों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. भारतीय सेना के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और अन्य एजेंसियों के सैकड़ों लोग दिन-रात जुटे हैं. तलाश के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. हर्षिल से धराली तक सड़क मार्ग खोलने के लिए भारी मशीनें लगाई गई हैं. 

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