विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए (DGCA) ने दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही एयरलाइन गो फर्स्ट द्वारा पट्टे पर लिए गए सभी 54 विमानों का पंजीकरण खत्म कर दिया है. कुछ दिन पहले ही अदालत ने विमानों को किराये पर मुहैया कराने वाली कंपनियों को गो फर्स्ट से अपने विमान वापस लेने की मंजूरी दी थी.
पिछले साल मई में गो फर्स्ट ने वित्तीय संकट में फंसने के बाद उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया था और दिवाला प्रक्रिया में जाने की घोषणा की थी. इस समय उसके खिलाफ दिवाला प्रक्रिया चल रही है.
एयरलाइन का परिचालन बंद होने के बाद विमान आपूर्तिकर्ता कंपनियों ने अपने विमानों को गो फर्स्ट से वापस लेने के लिए अदालत की शरण ली थी. लंबी कानूनी कार्यवाही के बाद आपूर्तिकर्ताओं को राहत मिली है. इस पृष्ठभूमि में डीजीसीए ने बुधवार को पट्टे पर दिए गए सभी 54 विमानों का गो फर्स्ट एयरलाइन के साथ पंजीकरण खत्म कर दिया है.
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंजीकरण खत्म करने से संबंधित कुछ नोटिस नियामक की वेबसाइट पर डाल दिए गए हैं.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को अपने फैसले में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को पट्टे पर दिए गए 54 विमानों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था. इस काम को पांच कामकाजी दिनों में पूरा करने के लिए भी कहा गया था.
विमानन नियामक के पंजीकरण खत्म करने का मतलब है कि अब वह विमान एयरलाइन के साथ उड़ान सेवाओं के लिए पंजीकृत नहीं है. एयरलाइन के निर्धारित शर्तों के अनुरूप काम न करने पर आपूर्तिकर्ता के पास विमान का पंजीकरण खत्म कराने का विकल्प होता है.
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