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This Article is From Aug 03, 2023

नितिन देसाई की मौत के मामले में कर्जदाताओं की भूमिका की जांच होगी : देवेंद्र फडणवीस

‘जोधा अकबर’, ‘लगान’ जैसी फिल्मों और टीवी कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का भव्य सेट तैयार करने वाले जाने माने कला निर्देशक नितिन देसाई (57) बुधवार को अपने स्टूडियो में फंदे से लटके पाए गए थे.

नितिन देसाई की मौत के मामले में कर्जदाताओं की भूमिका की जांच होगी : देवेंद्र फडणवीस
मुंबई:

मशहूर कला निर्देशक नितिन देसाई की मौत के एक दिन बाद, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कर्ज देने वाली एक निजी कंपनी की भूमिका की जांच की जाएगी, जिससे देसाई ने ऋण लिया था. उन्होंने कहा कि जांच में पता लगाया जाएगा कि क्या कंपनी अधिक ब्याज वसूलती थी और क्या देसाई तनाव में थे? गृह विभाग का कार्यभार संभाल रहे फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि मुंबई के पास कर्जत में देसाई के एन डी स्टूडियो को कैसे संरक्षित किया जा सकता है या सरकार द्वारा अपने नियंत्रण में लिया जा सकता है, इस संबंध में कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा.

‘जोधा अकबर', ‘लगान' जैसी फिल्मों और टीवी कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति' का भव्य सेट तैयार करने वाले जाने माने कला निर्देशक नितिन देसाई (57) बुधवार को अपने स्टूडियो में फंदे से लटके पाए गए. देसाई की कंपनी एनडी आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने 2016 और 2018 में ईसीएल फाइनेंस से दो ऋणों के माध्यम से 185 करोड़ रुपये उधार लिए थे और पुनर्भुगतान को लेकर परेशानी जनवरी 2020 से शुरू हुई.

पिछले हफ्ते एक दिवाला अदालत में दायर दिवाला से संबंधित याचिका के अनुसार, एनडी आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने अपने वित्तीय कर्जदाता को 252 करोड़ रुपये का ऋण नहीं चुकाया था. ईसीएल फाइनेंस एक अग्रणी एनबीएफसी है, जो एडलवाइस ग्रुप द्वारा प्रवर्तित है. फडणवीस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक आशीष शेलार की उस मांग का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को सिर्फ दुर्घटनावश मौत का मामला नहीं माना जाना चाहिए. व्यवस्थागत प्रश्न के तहत शेलार ने मांग की कि देसाई की मृत्यु को केवल आकस्मिक मृत्यु के मामले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि बड़े परिप्रेक्ष्य से इसका निपटारा किया जाना चाहिए.

भाजपा विधायक ने कहा कि देसाई ने अपनी प्रतिभा और उपलब्धियों से कला निर्देशन के क्षेत्र में अपना नाम बनाया. शेलार ने आरोप लगाया, ‘‘यह दुखद है कि चार राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित देसाई को यह कदम उठाना पड़ा. उन्होंने एन डी स्टूडियो के लिए 180 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो बढ़कर 252 करोड़ रुपये हो गया. यह राशेश शाह और एडलवाइस एआरसी कंपनी द्वारा ऋण प्रदान करने की कार्यप्रणाली को दिखाता है.'' शेलार ने कहा कि इसलिए, इस मामले की जांच केवल आकस्मिक मौत के रूप में नहीं की जानी चाहिए, बल्कि लगाई गई ब्याज दर, इस कंपनी द्वारा लागू की गई वसूली प्रक्रिया और ऐसे कई मुद्दों पर गौर करने के लिए एक विशेष टीम गठित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘तभी नितिन चंद्रकांत देसाई को न्याय मिलेगा.''

भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि उनके पास इस ‘‘आधुनिक साहूकार'' के खिलाफ दो और मामलों की जानकारी है और इसके बारे में जानकारी गृह मंत्री को सौंपी जाएगी. कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि सरकार को देसाई के स्टूडियो को नीलाम करने की अनुमति देने के बजाय उसे अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह नितिन देसाई को श्रद्धांजलि होगी.'' मांगों के जवाब में, फडणवीस ने मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया.

देसाई को मराठी लोगों का गौरव बताते हुए फडणवीस ने कहा, ‘‘फिल्मों के अलावा, उन्होंने राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए थीम, दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्य की झांकियां भी तैयार कीं और वाराणसी में घाटों के सौंदर्यीकरण में भी योगदान दिया.'' उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देसाई की मौत की जांच में कर्जदाताओं की भूमिका की जांच की जाएगी और देखा जाएगा कि क्या वह मानसिक तनाव में थे और उन पर दबाव डाला जा रहा था?''

विधान परिषद में, भाजपा के सदस्य प्रवीण दरेकर ने देसाई की मौत की परिस्थितियों की जांच की मांग की. दरेकर ने कहा कि देसाई ने वित्तीय संस्थान एडलवाइस से 150 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, लेकिन ब्याज के कारण यह राशि बढ़कर 250 करोड़ रुपये हो गई. दरेकर ने कहा कि देसाई ने उनसे मुंबई डिस्ट्रिक्ट बैंक के माध्यम से मदद दिलाने के लिए बातचीत की थी, लेकिन उनका खाता गैर-निष्पादित संपत्ति बन गया था और ऋण देने की बैंक की सीमा केवल 10-15 करोड़ रुपये थी. दरेकर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को फोन किया और उन्हें देसाई की वित्तीय परेशानियों से अवगत कराया.

दरेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मदद की और देसाई को अपने ऋण की अदायगी पर समय विस्तार मिला. उन्होंने बताया कि इस बीच यह भी देखने का प्रयास किया गया कि क्या उन्हें कहीं से ऋण मिल सकता है. दरेकर ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘एडलवाइस की जांच होनी चाहिए. मूल ऋण 150 करोड़ रुपये था और उस पर ब्याज ने उन्हें (देसाई) आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया. जब स्टूडियो को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो उनकी मानसिक स्थिति मौत को गले लगाने की थी.''

आत्महत्या से पहले, देसाई ने एक वॉयस मैसेज रिकॉर्ड किया था जिसमें उन्होंने राज्य सरकार से उनके स्टूडियो को अपने नियंत्रण में लेने तथा हिंदी और मराठी कलाकारों को बढ़ावा देने में मदद करने का आग्रह किया था. भाजपा के विधान पार्षद ने कहा, ‘‘इस मुद्दे (उनकी मृत्यु की वजह बनी परिस्थितियों) की जांच की जानी चाहिए. मेरी मांग है कि जांच की जाए कि ऋण की प्रकृति क्या थी, उन्हें (देसाई) कैसे प्रताड़ित किया गया था...उन्होंने कई बार एकमुश्त भुगतान किया था...हमने ध्यान क्यों नहीं दिया.''

दरेकर ने कहा कि ‘‘कई नितिन देसाई इसी राह पर हैं.'' कांग्रेस के विधान पार्षद अशोक जगताप ने वित्तीय कंपनी के खिलाफ जांच की दरेकर की मांग का समर्थन किया. शिवसेना के विधान पार्षद सचिन अहीर ने कहा कि देसाई के एन डी स्टूडियो को किसी निजी संस्था के हाथों में देने के बजाय राज्य सरकार को इसे अपने नियंत्रण में लेना चाहिए.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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