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This Article is From Mar 11, 2024

"जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले..." : CAA लागू करने को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष हमलावर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दस साल देश पर राज करने के बाद एन चुनाव के पहले मोदी सरकार CAA लेकर आयी है. महंगाई और बेरोज़गारी जैसे असली मुद्दों का समाधान करने की बजाय ये लोग CAA लाये हैं.

नई दिल्ली:

गृह मंत्रालय (MHA) ने आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA-2019) के तहत नियमों को अधिसूचित कर दिया. ये कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है. एमएचए ने कहा कि आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे, जिसके लिए एक वेब पोर्टल बनाया गया है. इसको लेकर सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के बाद सभी दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं. विपक्ष का कहना है कि जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसे लाया गया है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए. प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है. सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है. नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है. ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में. यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है."

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, "केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित किया. ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे. इस अधिसूचना के साथ पीएम मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है."

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "पीड़ित मानवता के कल्याणार्थ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है. इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में मजहबी बर्बरता से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मानजनक जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है. मनुष्यता को आह्लादित करने वाले इस मानवीय निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार एवं माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी का धन्यवाद! इस अधिनियम के अंतर्गत भारत की नागरिकता प्राप्त करने जा रहे सभी भाइयों-बहनों का हार्दिक अभिनन्दन!"

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "'मोदी है तो मुमकिन है' आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफ़ग़ानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों को सुरक्षा व सम्मान प्रदान करने के लक्ष्य के साथ केंद्र सरकार द्वारा देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA ) लागू करने का निर्णय अभिनंदनीय है. इस ऐतिहासिक निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं गृहमंत्री अमित शाह जी का हार्दिक आभार! माननीय प्रधानमंत्री जी का यह कदम राष्ट्रहित में उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति को परिलक्षित करता है. हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके तीसरे कार्यकाल में भी इसी प्रकार देश को सशक्त करने वाले निर्णय लिए जाते रहेंगे."

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा, "आजादी के बाद हमारे जो हमारे भाई पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए थे. उन लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं."

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "दस साल देश पर राज करने के बाद एन चुनाव के पहले मोदी सरकार CAA लेकर आयी है. ऐसे वक़्त जब गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई से कराह रहा है और बेरोज़गार युवा रोज़गार के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है, उन असली मुद्दों का समाधान करने की बजाय ये लोग CAA लाये हैं."

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ये कानून 2020 में पारित हुआ था. चार साल में कई बार विस्तार के बाद चुनाव की घोषणा से दो-तीन दिन पहले इसका लागू होना बताता है कि ये राजनीतिक कारणों से किया जा रहा है. अगर कोई भेदभाव होता है तो हम उसे स्वीकार नहीं करते. दो दिन में किसी को नागरिकता नहीं दे सकेंगे. ये सिर्फ लॉलीपॉप और दिखावा है. जब भी किसी का हक छीनने की कोशिश होगी, टीएमसी उनके रास्ते में खड़ी होगी.

वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा, "केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को, अब ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय, इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस व आशंकाएं हैं, उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना ही बेहतर होता."

इधर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी पूछा कि, "इतना विलंब क्यों किया? और अगर विलंब किया तो चुनाव के बाद क्या दिक्कत थी? संविधान में हर व्यक्ति को उसके धर्म का पालन करने का अधिकार है. मेरे मत में ये (CAA) भारतीय संविधान के खिलाफ है."

वहीं यूपी कांग्रेस ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसबीआई को गोपनीय इलेक्टोरल बॉण्ड द्वारा राजनैतिक पार्टियों को चंदा देने वाले नामों की सूची सौंपने का आदेश दिया गया है, जिससे भाजपा पूरी तरह भयभीत है, इसीलिए इस मुद्दे से आमजन का ध्यान हटाने और साथ ही साथ देश का माहौल ख़राब करके चुनावी फ़ायदा लेने के लिए ये किया गया है. जनता इन्हें समझ चुकी है, इसीलिए आने वाले चुनाव में चलता करने का मन बना चुकी है.

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "ये भाजपा का आखिरी खेल चल रहा है. चलने दो, लागू होने दो. वे लोग ये खेल करते रहते हैं. जब तक चुनाव है तब तक वे CAA-CAA खेलेंगे, खेलने दो."

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "भारत ही एक ऐसा देश है जो धर्मनिरपेक्ष है. CAA का मूल उद्देश्य है कि धर्म के आधार पर अगर किसी के साथ उत्पीड़न हो रहा है और वे भारत में शरण लाते हैं तो हम आपको भारत की नागरिकता देंगे. इस पर यदि विपक्ष चिल्ला रहा है तो ये शुद्ध राजनीति है."

भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, "देश में इस बात की विश्वसनीयता आज हर नागरिक के अंतर्मन में घर कर गई है कि गारंटी की पूरी होने की गारंटी, मोदी की गारंटी है. भाजपा ने जो भी संकल्प लिए थे, उन्हें जिस प्रकार से पूरा किया गया है उसी की एक कड़ी CAA भी है. इससे उन विदेशी अल्पसंख्यकों को राहत मिलेगी जिनका उत्पीड़न बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में किया गया."

यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने कहा, "विपक्ष के लोग मुसलमान भाइयों को गुमराह कर रहे हैं जबकि इस कानून से उनका कोई लेना-देना नहीं है. तीन देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) से आए हुए 6 गैर-मुस्लिम वर्गों के लोगों को भारत की नागरिकता देने का कानून है. वे(विपक्ष) भ्रम फैला रहे हैं. जो कानून है उसे जानने की जरूरत है."

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, "गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही बताया था कि लोकसभा चुनाव से पहले CAA की अधिसूचना जारी हो जाएगी. किसी को भी इससे परेशानी नहीं है लेकिन हमारी मुख्यमंत्री को इससे नींद नहीं आ रही है."

तमिलनाडु से भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने कहा, "DMK अपने स्वार्थी कारणों के लिए CAA का विरोध कर रही है. क्या वे (DMK) CAA को पूरी तरह से समझते हैं या पढ़ते हैं? वे यह डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि CAA के लागू होने से अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर मुस्लिम समुदाय प्रभावित होगा. उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि CAA के कार्यान्वयन से उन लोगों को मदद मिलेगी, जो विभिन्न सीमावर्ती देशों में शरणार्थियों की तरह रह रहे हैं."

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