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This Article is From Feb 21, 2024

दिल्ली पुलिस ने आज किसानों के विरोध प्रदर्शन से पहले ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की

अधिकारियों द्वारा स्पष्ट किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तीनों बॉर्डर पर ट्रैफिक जाम मिलने की संभावना है क्योंकि सड़कों को बंद किया गया है. दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के दो मुख्य बिंदू टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर पुलिस कर्मियों की भारी तैनाती है.

दिल्ली पुलिस ने आज किसानों के विरोध प्रदर्शन से पहले ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की
Farmer's Protest : दिल्ली-हरियाणा सीमा को पुलिस कर्मियों की भारी तैनाती के साथ सील किया है.
नई दिल्ली:

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी को लेकर केंद्र के साथ चार दौर की वार्ता के बेनतीजा होने के बाद प्रदर्शनकारी किसान (Farmer's Protest) पंजाब और हरियाणा बॉर्डर से आज फिर से दिल्ली कूच करेंगे. उनके विरोध प्रदर्शन से पहले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के मध्य मार्गों में कई सड़कों से बचने के लिए कहा है. 

एक्स पर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करते हुए इस एडवाइजरी को जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा, "21-02-24 को खास यातायात प्रबंध के कारण आईपी फ्लाईओवर के ए प्वॉइंट और इसके विपरीत, आईटीओ चौक, डीडीयू मार्ग, बीएसजेड मार्ग, जेएलएन मार्ग, शांति वन क्रॉसिंग और राजघाट क्रॉसिंग पर जानें से सुबह 9.30 बजे से रात के 11.30 बजे तक बचें." 

अधिकारियों द्वारा स्पष्ट किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तीनों बॉर्डर पर ट्रैफिक जाम मिलने की संभावना है क्योंकि सड़कों को बंद किया गया है. दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के दो मुख्य बिंदू टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर पुलिस कर्मियों की भारी तैनाती है. साथ ही इन दोनों बॉर्डर को कंक्रीट बैरिकेड और लोहे की कीलों की कई परतों से सील कर दिया गया है. 

अधिकारी ने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो गाजीपुर बॉर्डर को भी बुधवार को बंद किया जा सकता है. 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने वाले हजारों किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया गया था, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई थी. किसान तब से पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर ही डेरा डाले हुए हैं. 

किसानों और सरकार के बीच आखिरी दौर की बातचीत रविवार आधी रात को समाप्त हुई जब मंत्रियों के एक पैनल ने किसानों से पांच फसलें - मूंग दाल, उड़द दाल, अरहर दाल, मक्का और कपास को केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से पांच साल तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने का प्रस्ताव रखा था. 

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने मंगलवार को कहा कि विरोध कर रहे किसानों ने औपचारिक रूप से इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है क्योंकि यह किसानों के हित में नहीं है.

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