दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (VK Saxena) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार के बीच एमसीडी में 10 एल्डरमैन को मनोनित करने को लेकर तनातनी बढ़ गई है. केजरीवाल ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. इसके जवाब में एलजी ने भी सोमवार को केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है और उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया है.
दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने केजरीवाल को चिट्ठी में लिखा- 'मैं इस बात की सराहना करता हूं कि आपने शहर में गवर्नेंस को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. हालांकि, चीजें राजधानी के प्रशासन से जुड़े संवैधानिक प्रावधानों और कानूनों की पेचीदगियों में जाने लगे हैं. स्पष्टता के लिए मैं आपको मीटिंग के लिए आमंत्रित करना चाहता हूं, जहां हम इन मुद्दों पर विचार कर सके.'
रविवार को आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर उप-राज्यपाल (LG) द्वारा 10 एल्डरमैन की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए. AAP से पहले दिल्ली सरकार ने भी LG के फैसले पर सवाल उठाते हुए उनसे जवाब मांगा था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG से इस पूरे विवाद पर अपना स्टैंड साफ करने को कहा था.
इसके जवाब में एलजी ने आगे लिखा, 'अक्टूबर तक हम नियमित रूप से मिलते थे, लेकिन उसके बाद आपने विधानसभा चुनावों में व्यस्तता के चलते मिलने में असमर्थता जताई. अब चुनाव खत्म हो गए हैं, ऐसे में शहर में संघर्ष मुक्त गवर्नेंस और जनहित के लिए ऐसी मीटिंग फिर शुरू होनी चाहिए.' उन्होंने आगे कहा, 'पिछले कुछ दिनों से अरविंद केजरीवाल लगातार उपराज्यपाल पर संवैधानिक प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे थे.'
अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल को लगातार चिट्ठी लिख रहे थे. वो बता रहे थे कि किस तरह संवैधानिक प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के किस आदेश की वो धज्जियां उड़ा रहे हैं.
वहीं, केजरीवाल और एलजी विनय सक्सेना की ओर से 10 एल्डरमैन पार्षद और पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए जाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का जारी है. एलजी कार्यालय की ओर से जारी बयान के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को एक और पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने एलजी पर राज्य सरकार की अनदेखी करने का आरोप लगाया है.
एलजी पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "संविधान का सम्मान करें और चुनी हुई सरकार को दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के सपनों को पूरा करने दें." सीएम केजरीवाल ने कहा, "उपराज्यपाल ने गलत तरीके से एमसीडी में 10 सदस्यों को नामित कर दिया, जबकि अब तक दिल्ली सरकार सदस्य नामित करती थी."
एलजी के कार्यालय ने 10 पार्षदों की नियुक्ति को जायज बताया था. एलजी दफ्तर ने कहा था, "DMC एक्ट 1957 में लिखा है कि 25 वर्ष से ऊपर के वह 10 लोग जिनको म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन में खास जानकारी या अनुभव है, इनको एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करेंगे. एक्ट में लिखा है कि एडमिनिस्ट्रेटर मतलब दिल्ली के उपराज्यपाल. यही तथ्यात्मक, कानूनी और संवैधानिक प्रावधान है.''
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