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ब्लूमबर्ग को हटाना होगा ZEE एंटरटेनमेंट के खिलाफ डिफेमेटरी आर्टिकल, दिल्ली HC ने राहत देने से किया इनकार

ब्लूमबर्ग टेलीविजन प्रोडक्शन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ब्लूमबर्ग) ने कॉरपोरेट गवर्नेंस और बिजनेस ऑपरेशंस से संबंधित ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEE) के खिलाफ 21 फरवरी को एक आर्टिकल पब्लिश किया था.

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ब्लूमबर्ग को हटाना होगा ZEE एंटरटेनमेंट के खिलाफ डिफेमेटरी आर्टिकल, दिल्ली HC ने राहत देने से किया इनकार
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने गुरुवार को ZEE एंटरटेनमेंट (ZEE Entertainment) के खिलाफ मानहानिकारक आर्टिकल (Defamatory Article) हटाने के मामले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. अदालत ने इंटरनेशनल मीडिया प्लेटफॉर्म ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की अपील खारिज कर दी. दिल्ली हाईकोर्ट की जज शालिंदर कौर ने कहा कि 21 फरवरी को प्रकाशित लेख के संबंध में जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के मामले पर अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) के अंतरिम आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है. जस्टिस कौर ने ब्लूमबर्ग को 3 दिन में निर्देश का पालन करने का आदेश दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि इस चरण में कंटेंट पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, क्योंकि ADJ को अभी ब्लूमबर्ग का पक्ष सुनना बाकी है. जस्टिस कौर ने कहा कि मीडिया संस्थान जवाब दाखिल करने या अंतरिम आदेश में संशोधन के लिए याचिका दायर करने का विकल्प तलाशे बिना हाईकोर्ट पहुंच गया.

ब्लूमबर्ग टेलीविजन प्रोडक्शन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ब्लूमबर्ग) ने कॉरपोरेट गवर्नेंस और बिजनेस ऑपरेशंस से संबंधित ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEE) के खिलाफ 21 फरवरी को एक आर्टिकल पब्लिश किया था. ZEE एंटरटेनमेंट ने इस आर्टिकल को मानहानिकारक लेख (Defamatory Article) बताते हुए निचली अदालत से इसे हटाने की मांग की थी. 

ADJ ने 1 मार्च को ब्लूमबर्ग को एक सप्ताह के भीतर कथित मानहानिकारक लेख को हटाने का निर्देश दिया था, जिसमें कहा गया था कि ज़ी ने अंतरिम एकपक्षीय निषेधाज्ञा आदेश के लिए प्रथम दृष्टया मामला साबित किया है. ADJ ने कहा था कि अगर आदेश जारी नहीं किया गया, तो कंपनी को अपूरणीय क्षति हो सकती है.

हालांकि, ब्लूमबर्ग ने आर्टिकल हटाने के बजाय हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे दी थी. ब्लूमबर्ग ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि सेबी ने ज़ी एंटरटेनमेंट में लगभग 240 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अकाउंटिंग गड़बड़ियों को हटाने का निर्देश दिया था.

ज़ी एंटरटेनमेंट ने अपने मुकदमे में तर्क दिया कि ब्लूमबर्ग ने अपने आर्टिकल में ज़ी के कॉरपोरेट गवर्नेंस और बिजनेस ऑपरेशंस से संबंधित डिटेल का जिक्र किया था, जो प्रकृति में गलत था. इससे कंपनी के शेयर वैल्यूमें 15 प्रतिशत की गिरावट आई. कंपनी के निवेशकों को नुकसान हुआ. याचिका में ज़ी ने कहा कि ब्लूमबर्ग के आरोप झूठे हैं और तथ्यात्मक रूप से गलत भी. ये आर्टिकल कंपनी को बदनाम करने के पूर्व-निर्धारित और दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रकाशित किया गया था.

ज़ी एंटरटेनमेंट ने कहा कि कंपनी के दृढ़ता से इसका खंडन करने के बावजूद और नियामक के किसी आदेश के आधार के बिना, ब्लूमबर्ग ने ये आर्टिकल प्रकाशित की.

ब्लूमबर्ग ने हाईकोर्ट में दलील दी कि मुकदमे का मकसद डराना और स्वतंत्र और निष्पक्ष अभिव्यक्ति के उसके अधिकार को चुप कराना है. ब्लूमबर्ग ने यह भी दावा किया गया कि एडीजे ने पोर्टल को प्रकाशित कई अन्य लेखों को उनके सामने रखने का समय और मौका नहीं दिया.

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