दिल्ली सरकार ने लॉन्च की सुपरसाइट और मोबाइल वैन, प्रदूषण के रियल टाइम कारकों का लगाया जा सकेगा पता

मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविक समय के प्रदूषण स्रोतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने से सरकार अधिक सटीक तरीके से समस्या से निपटने में सक्षम होगी. केजरीवाल ने कहा कि पहले सरकार को प्रदूषण के पुराने आंकड़ों पर निर्भर रहना पड़ता था.

दिल्ली सरकार ने लॉन्च की सुपरसाइट और मोबाइल वैन, प्रदूषण के रियल टाइम कारकों का लगाया जा सकेगा पता

दिल्ली के अंदर बसों की कमी भी पूरी करते जा रहे हैं: केजरीवाल

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार अब यहां ‘रीयल-टाइम स्रोत विभाजन अध्ययन' की शुरुआत के साथ अधिक सटीक तरीके से प्रदूषण से निपटने में सक्षम होगी. केजरीवाल ने राउज एवेन्यू में ‘रीयल-टाइम स्रोत विभाजन सुपरसाइट' और एक मोबाइल वैन का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविक समय स्रोत विभाजन सुपरसाइट अध्ययन एक घंटे के आधार पर प्रदूषण के स्रोतों का विवरण साझा करेगा. मोबाइल वैन एक विशेष स्थान पर जाएगी और एकत्र किए गए आंकड़े का सुपरसाइट पर विश्लेषण किया जाएगा. अभी, हम एक मोबाइल वैन लॉन्च कर रहे हैं लेकिन जल्द हम और अधिक मोबाइल वैन लॉन्च करेंगे.''

मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविक समय के प्रदूषण स्रोतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने से सरकार अधिक सटीक तरीके से समस्या से निपटने में सक्षम होगी. केजरीवाल ने कहा कि पहले सरकार को प्रदूषण के पुराने आंकड़ों पर निर्भर रहना पड़ता था.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार प्रदूषण को लेकर सिंसियर है. कई सालों में कोशिश की जा रही हैं. EV बिक रहे हैं. दिल्ली के अंदर बसों की कमी भी पूरी करते जा रहे हैं. एक डेढ़ साल के अंदर हमने बहुत बसें खरीदी हैं. साल 2025 तक 10- 11 हज़ार के बीच बसे हो जाएंगी.

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दिल्ली के अंदर विकास भी हो रहा है और फॉरेस्ट कवर घटने के बजाय बढ़ रहा है. जब-जब जरूरत पड़ती है, तब-तब ग्रैप लागू किया जाता है. दिल्ली का वार्षिक औसत प्रदूषण पिछले 5 साल में अभी सबसे कम रहा है. दिल्ली की सड़कों की मैकेनाइज स्लीपिंग की जाएगी, अभी हम ने ऐलान किया था इससे प्रदूषण कम होगा. अभी तक जितनी भी स्टडी हुई वो वन ऑफ स्टडी थी, जो कि गलत थी.

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अभी-अभी बताया कि हर घंटे प्रदूषण के कारण बदल रहे हैं. तो जब तक हम इसको एनालाइज नहीं करेंगे, तब तक इससे नहीं निपट सकते. दिल्ली में किस वजह से प्रदूषण है वो इन मशीनों से पता चलाया जा सकता है. दूसरा यह फोरकास्ट भी करेगा. अगले तीन चार दिन में प्रति ऑवर प्रदूषण के कारक क्या रहने के अनुमान होगा ये पता लगाया जाएगा. (भाषा इनपुट के साथ)