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This Article is From May 28, 2020

टिड्डियों के हमले को लेकर दिल्ली सरकार सतर्क, जारी की एडवाइजरी, अधिकारियों को निर्देश

फिलहाल टीड्डों के खिलाफ मुहिम में 89 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों, 120 सर्वे करने वाली गाड़ियों, स्प्रे इक्विपमेंट्स से लाईड 47 कंट्रोल गाड़ियां और 810 ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

टिड्डियों के हमले को लेकर दिल्ली सरकार सतर्क, जारी की एडवाइजरी, अधिकारियों को निर्देश
नई दिल्ली:

देश के कई राज्यों में रेगिस्तानी टिड्डियों के हमलों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है. दिल्ली सरकार ने खड़ी फसलों, वनस्पति, बगीचों और बागों पर इंसेक्टिसाइड और पेस्टीसाइड (कीटनाशकों) का छिड़काव करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कहा गया है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार के कृषि विभाग द्वारा दिल्ली के लोगों एवं किसानों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जाएंगे. इसके साथ साथ ही दिल्ली सरकार ने कीटनाशक दवाईयों के छिड़काव एवं उसकी मात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी की है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री 

गोपाल राय ने कहा, 'अभी दिल्ली में टिड्डियों का प्रकोप नहीं है, लेकिन आसपास के राज्यों से खबर आ रही है उसको लेकर सरकारों ने विभागों के साथ तैयारी शुरू कर दी है सभी एमसीडी, डीएम और एनडीएमसी को एडवाइजरी जारी कर दी है. 
जिसको लेकर 2 कदम उठाने के लिए कहा गया है.  हॉर्टिकल्चर-एग्रीकल्चर सेंटर को जो जागरूक किया जाए और साथ हो साथ कैमिकल छिड़काव किया जाए. जो इन टिड्डियों का प्रभाव है वो नुकसान होने की संभावना है इसलिए ही पहले ही तैयारियों की तरफ बढ़ेगी. जरूरत पड़ने पर फायर ब्रिगेड़ की गाड़ियों और जो भी उपाय (हेलीकाप्टर छिड़काव) भी करने की ज़रूरत पड़ेगी वो करेंगे. कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से संपर्क में है.'

दिल्ली सरकार ने खड़ी फसलों, बाग-बगीचों में कीटनाशकों का छिड़काव करने को कहा है.  कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ए पी सैनी ने बुधवार को जारी एक एडवाइजरी में अधिकारियों से राष्ट्रीय राजधानी में टिड्डी दल के हमले को रोकने के लिए जनता तथा किसानों के लिहाज से जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने को भी कहा. 

एडवाइजरी के अनुसार, ‘‘टिड्डी दल दिन में उड़ान भरता है और रात में आराम करता है इसलिए इसे रात में नहीं ठहरने देना चाहिए.''इसमें अधिकारियों से क्लोरोपायरीफोस और मैलाथियोन कीटनाशकों का छिड़काव करने को कहा गया है.दिल्ली का वन विभाग अपनी नर्सरियों में पौधों को टिड्डी के प्रकोप से बचाने के लिए पॉलीथिन से ढकने पर विचार कर रहा है.

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वन विभाग के अधिकारी ईश्वर सिंह ने कहा कि पेड़ों को तो ढकना संभव नहीं है. कम से कम नर्सरियों के पौधों को ढका जा सकता है. उन्होंने कहा कि पॉलीथिन से पौधों को ढक देने से उन्हें धूप से भी बचाया जा सकता है. सिंह ने कहा कि दिल्ली जैसे शहर में रसायनों का छिड़काव पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हो सकता है.

एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर तय
टिडि्डयों का जीवन सामान्यतया 3 से 6 माह का होता है. नमी वाले इलाकों में ये एक बार में 20 से 200 तक अंडे देती हैं, जो 10 से 20 दिन में फूटते हैं. शिशु टिड्डी का पेड़-पौधे खाती है, 5-6 हफ्ते में बड़ी हो जाती है. इन्हें मारने का सबसे अच्छा उपाय अंडों के फूटते ही उन पर रसायन का छिड़काव है. टिड्डी अपने वजन से कहीं अधिक भोजन एक दिन में खाती है. ये एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. 

1 लाख 25 हजार एकड़ खेतों को नुकसान
अलग-अलग राज्यों में टिड्डियों के हमले से 1 लाख 25 हजार एकड़ खेतों को नुकसान पहुंचा है. 4 करोड़ टिड्डियों का दल 35 हजार लोगों के हिस्सा का अनाज खा सकता है. मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा हमने मीटिंग की हाई अलर्ट किया, भारत सरकार ने भी हाई अलर्ट किया, फायर गाड़ियों से स्प्रे करके 70 परसेंट का सफाया कर दिया है, जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उन्हें आरबीसी 6 (4 ) के अंतर्गत मुआवजा देकर क्षतिपूर्ति की जाएगी.

टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए ड्रोनों के जरिए किया जाएगा कीटनाशकों का छिड़काव
भारत सरकार ने टिड्डी नियंत्रण की मुहिम में ड्रोन्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. कृषि मंत्रालय ने बुधवार को इसका ऐलान किया. कृषि मंत्रालय के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 मई को शर्तों के साथ टिड्डों के खिलाफ मुहिम छेड़ने के लिए 'रिमोटली पाइलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम' को मंज़ूरी दे दी है.   

टिड्डों की समस्या पर नियंत्रण के लिए ड्रोन्स के जरिए कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए सरकार ने टेंडर के द्वारा दो कंपनियों की पहचान कर ली है. ड्रोन्स के जरिए बड़े पेड़ों और दुर्गम इलाकों में एरियल स्प्रेइंग करने की तयारी है. साथ ही टिड्डों के खिलाफ मुहीम तेज़ करने के लिए सरकार ने 60 अतिरिक्त स्प्रेयर यूनाइटेड किंगडम से मंगाने का फैसला किया है. साथ ही, 55 नई गाड़ियां कीटनाशकों के छिड़काव के लिए खरीदने का फैसला लिया गया है.  

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फिलहाल टीड्डों के खिलाफ मुहिम में 89 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों, 120 सर्वे करने वाली गाड़ियों, स्प्रे इक्विपमेंट्स से लाईड 47 कंट्रोल गाड़ियां और 810 ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. अभी लोकस्ट कंट्रोल ओफ्फिसिए के पास 21 Micronair and 26 Ulvamast स्प्रे इक्विपमेंट्स हैं जिनका इस्तेमाल प्रभावी तरीके से कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किया जा रहा है.  
 

(इनुपट एजेंसी भाषा से भी)

VIDEO: कहीं का नहीं छोड़ता टिड्डी दल


 

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