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This Article is From Mar 01, 2024

दिल्ली की अदालत ने ब्लूमबर्ग को ZEE के खिलाफ 'अपमानजनक' लेख हटाने का दिया आदेश

ZEE ने दिल्ली सत्र न्यायालय के सामने तर्क दिया, "ब्लूमबर्ग द्वारा प्रकाशित लेख झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत था, कंपनी को बदनाम करने के पूर्व-निर्धारित और दुर्भावनापूर्ण इरादे से इसे प्रकाशित किया गया था."

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन प्रोडक्शन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को आदेश दिया है कि वो ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के खिलाफ प्रकाशित 'अपमानजनक' लेख को हटाए.

ZEE ने दिल्ली सत्र न्यायालय के सामने तर्क दिया, "ब्लूमबर्ग द्वारा प्रकाशित लेख झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत था, कंपनी को बदनाम करने के पूर्व-निर्धारित और दुर्भावनापूर्ण इरादे से इसे प्रकाशित किया गया था."

कंपनी ने कहा कि 21 फरवरी को लेख में ZEE के कॉर्पोरेट प्रशासन और व्यवसाय संचालन से संबंधित विवरणों का उल्लेख किया गया था, जो बिल्कुल गलत थे. इससे कंपनी के शेयर मूल्य में 15 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा.

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश हरज्योत सिंह भल्ला ने ज़ी को बड़ी राहत देते हुए, ब्लूमबर्ग को "आदेश मिलने के एक सप्ताह के भीतर अपने प्लेटफॉर्म से अपमानजनक लेख हटाने" का निर्देश दिया.

साथ ही सुनवाई की अगली तारीख तक ऑनलाइन या ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐसे किसी भी लेख को पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोक दिया.

ZEE की ओर से कहा गया, "ब्लूमबर्ग के लेख में गलत तरीके से प्रकाशित किया गया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनी में 241 मिलियन डॉलर का अकाउंटिंग इश्यू पाया है, जबकि उल्लेखित नियामक की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं है."

इसमें कहा गया है कि "कंपनी द्वारा इसका जोरदार खंडन करने के बावजूद, लेख ने नियामक के किसी भी आदेश के आधार के बिना, ZEE में वित्तीय अनियमितताओं को गलत तरीके से प्रकाशित किया."

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