दिल्ली : वित्त मंत्रालय का अफसर बनकर करते थे ठगी, मास्टरमाइंड समेत 4 गिरफ्तार

वित्त मंत्रालय के नाम पर ठगी करने वाले एक सिंडिकेड का भंडाफोड़ पुलिस ने किया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है,आरोपियों के पास से 3000 से ज्यादा लोगों का डेटा भी बरामद हुआ है.

दिल्ली : वित्त मंत्रालय का अफसर बनकर करते थे ठगी, मास्टरमाइंड समेत 4 गिरफ्तार

पुलिस ने केस दर्ज कर छापेमारी के बाद इस गैंग के मास्टरमाइंड मेहताब आलम को दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार कर लिया

नई दिल्ली:

वित्त मंत्रालय के नाम पर ठगी करने वाले एक सिंडिकेड का भंडाफोड़ पुलिस ने किया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है,आरोपियों के पास से 3000 से ज्यादा लोगों का डेटा भी बरामद हुआ है. दिल्ली पुलिस की IFS यूनिट के डीसीपी प्रशांत गौतम के मुताबिक दिल्ली पुलिस कमिश्नर ऑफिस में वित्त मंत्रालय से एक शिकायत मिली थी की कोई अपने आप को वित्त मंत्रालय का अधिकारी बताकर वित्त मंत्रालय के फर्जी दस्तावेजों तैयार कर ठगी कर रहा है.

शिकायत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के हस्ताक्षर किए हुए कुछ फर्जी लेटर भी दिए गए थे. मामले की गंभीरता को देखते केस की जांच शुरू की गई. जांच के दौरान एक पीड़ित ने बताया कि उसे चमनलाल नाम के शख्स ने फोन कर बताया कि उसकी लेप्स पॉलिसी के लिए कुछ राशि स्वीकृत हो गई है. इसके बाद एक फर्जी ईमेल आईडी से पीड़ित को एक पत्र भेजा गया, जिसमें कहा गया 1246518/- रुपया उसे मिल जायेगा. इसके बाद पीड़ित से पहले 44 हजार और फिर 27 हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लिए गए. फिर आरोपियों ने पीड़ित को 1246518 रुपए का फर्जी चेक जारी कर दिया. इसके बाद फाइनल रिलीज चार्ज के नाम पर पीड़ित से 52 हजार रुपए और लिए गए. 

पुलिस ने केस दर्ज कर छापेमारी के बाद इस गैंग के मास्टरमाइंड मेहताब आलम को दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार कर लिया, उसकी निशानदेही पर गैंग के 3 और लोग सरताज खान,मोहम्मद जुनैद और दीन मोहम्मद को भी पकड़ा गया. सभी आरोपी पहले इंश्योरेंस कंपनियों में काम कर चुके हैं. इन लोगों ने लोगों की बीमा पॉलिसी का डेटा इकठ्ठा किया और फिर RBI और IRDA की नकली ईमेल आईडी से उन्हे मेल करते थे और खुद को वित्त मंत्रालय ,आरबीआई या आईआरडीए का अफसर बताते थे, लेप्स बीमा पॉलिसी के पैसे दिलाने के नाम पर कई तरह की फीस लेकर लोगों को फर्जी चेक जारी कर देते थे आरोपी मेहताब ने यूपी के एक कॉलेज से बीकॉम किया है, उसने ही जल्दी पैसा कमाने के लिए ये गैंग बनाया था, आरोपियों से 3000 से ज्यादा लोगों का डेटा बरामद हुआ है.

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