- दिल्ली ब्लास्ट मामले के आरोपी उमर का तुर्की के अंकारा में अपने हैंडलर से सेशन ऐप के जरिए संपर्क पाया गया है.
- उमर फरार होकर मेवात होते हुए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर एक ढाबे पर रात गुजारने के बाद दिल्ली पहुंचा था.
- जांच एजेंसियों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी से उमर और अन्य आरोपियों से जुड़े दस्तावेज, जमीन के कागजात मांगे हैं.
दिल्ली ब्लास्ट मामले में तार पाकिस्तान के साथ तुर्की से भी जुड़ रहे हैं. कार ब्लास्ट करने वाला उमर का तुर्की कनेक्शन मिला है. जांच एजेंसियों की मानें तो तुर्की के अंकारा में बैठे अपने हैंडलर से उमर लगातार संपर्क में था. उसके हैंडलर का कोडनेम UKASA था. उकासा से उमर सेशन ऐप के जरिए लगातार संपर्क में था. सूत्रों की मानें तो मार्च 2022 में कुछ लोग भारत से अंकारा गए थे. शक है कि इनमें उमर समेत फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में पकड़े दूसरे आरोपी भी उसके साथ गए थे.
अल फलाह यूनिवर्सिटी से मांगे पेपर
वहां ये जैश ए मोहम्मद के हैंडलर से मिले और फिर इनका ब्रेन वॉश किया गया. NIA इस मामले में तुर्की के दूतावास से सहयोग मांग सकती है. वहीं जांच का दूसरा सिरा अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है. फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी से कई तरह के दस्तावेज मांगे हैं. जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से डॉक्टर उमर, डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन शाहिदा से जुड़े हुए सभी दस्तावेज मांगे हैं.

इसके अलावा जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से यूनिवर्सिटी की जमीन के कागजात, अल फलाह ट्रस्ट से जुड़े सभी दस्तावेज, यूनिवर्सिटी को सरकारी विभागों से मिली NOC, यूनिवर्सिटी कैंपस का बिल्डिंग प्लान, नेशनल मेडिकल कमिश्नर से जुड़े सभी दस्तावेज, यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन से मिले सभी दस्तावेज, और एक्ट आफ यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे हैं. इस University का कैंपस 54 एकड़ में फैला हुआ है.
ढाबे पर रूका था उमर
सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस ने जैश के आतंकी उमर का एक और रूट पता लगाया है. लाल किले धमाके का आरोपी डॉक्टर उमर फरीदाबाद से फरार होने के बाद यहां से मेवात होते हुए फिरोजपुर झिरका पहुंचा. फिर वह वापस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से दिल्ली की तरफ आ रहा था. उसने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर एक ढाबे पर रात गुजारी. वह रात में भी कार में सोया. इसके बाद वह दिल्ली-मुंबई हाइवे से होते हुए वापस वाया फरीदाबाद होकर दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर से घुसा. आरोपी उमर दिल्ली-मुबई एक्सप्रेस वे पर सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ था.
हापुड़-सहारनपुर पर थी नजर
अब तक की जांच में पता चला है कि लेडी डॉक्टर शाहीन को आतंकी संगठन जैश से फंडिंग होती थी. जैश के इशारे पर शाहीन वेस्टर्न यूपी में कई जगह महिला विंग के लिए रिक्रूटमेंट सेंटर खोलने में लगी थी. मिनी रिक्रूट-कमांड सेंटर के लिए शाहीन को फंडिंग जैश से हुई थी. शाहीन सहारनपुर और हापुड़ में मिनी रिक्रूट-कमांड सेंटर के लिए कोई ऐसी जगह ढूंढ रही थी, जो शहर से थोड़ा बाहरी इलाके में हो और वहां लोगो की गतिविधियां कम हो. जांच एजेंसियों को शक है कि शाहीन के ज़रिए ही इस मोड्यूल को जैश की तरफ़ से टेरर फंडिंग हो रही थी. अब शाहीन, आदिल, उमर और मुजम्मिल के अकाउंट को खंगाला जा रहा है.

शाहीन के अकाउंट में विदेशी फंडिंग के भी सुराग मिले हैं, जिसको लेकर शाहीन से लगातार पूछताछ हो रही है. साथ ही, मौलवी इरफान अहमद भी जैश कमांडर के संपर्क में था और उसे भी जैश की तरफ़ से फंडिंग हो रही थी. शाहीन ग़रीब मुस्लिम बच्चियों और महिलाओं के लिए मदरसे और इरफ़ान जकात के नाम पर फंड इक्कठा कर रही थी. जांच एजेंसियों को शक इसका इस्तेमाल विस्फोटक खरीदने और रेकी में किया गया. यह भी पता चला है कि शाहीन सीधे अज़हर मसूद की बहन सैयदा अज़हर के संपर्क में थी.
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