देश की राजधानी दिल्ली वायु प्रदूषण में डूबती जा रही है, स्थिति बद से बदतर हो गई है. दिल्ली-NCR के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. द्वारका AQI@ 500, नजफगढ़ AQI@ 500, दिल्ली के इन दो इलाकों के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ये आंकड़े आज सुबह 10 बजे के हैं. ये आंकड़े साफ जाहिर करते हैं कि यहां के लोग कितनी जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं. इतनी खराब हवा में सांस लेने का मतलब प्रतिदिन 14 के आसपास सिगरेट पीने के बराबर है. दूसरी ओर दिल्ली में जहरीली हवा और कोहरे के कारण विमानों और ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है.
कोहरे के चलते विजिबिलिटी पर असर पड़ा है. विजिबिलिटी के150 पर पहुंचने के कारण दिल्ली एयरपोर्ट से कई उड़ानें देरी से उड़ान भर रही हैं. दूसरी और नई दिल्ली, आनंद विहार, निजामुद्दीन, गाजियाबाद और पुरानी दिल्ली स्टेशन आने वाली 40 से अधिक ट्रेन लेट हुई हैं. जानकारी के अनुसार पुरी से नई दिल्ली आने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 3 घंटे की देरी से चल रही है.
राजगीर से नई दिल्ली आने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस ढाई घंटे से देरी से चल रही है. नई दिल्ली स्टेशन पर आने वाली 28 से अधिक ट्रेनें लेट हैं.
#6ETravelAdvisory: Fog is currently affecting visibility in Delhi, which may result in slow moving traffic and delays in flight schedules. We recommend allowing extra travel time and checking flight status before starting your journey https://t.co/rpnOvAOxQl. Safe travels!
— IndiGo (@IndiGo6E) November 17, 2024
विमानों और ट्रेनों में देरी के कारण यात्रियों को खासा परेशान हो रही है. एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ जमा हो गई है.
अक्टूबर से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है.
सुबह 5 बजे पालम में दृश्यता घटकर 150 मीटर रह गई.
दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई स्तर 500 से ऊपर रहा.
भारतीय मौसम विभाग ने घने कोहरे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
इस वर्ष राजधानी में लगभग 38% प्रदूषण पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से हुआ है.
एक्यूआई डॉट इन के मुताबिक, राष्ट्रीय दिल्ली के अलावा देश के अन्य शहरों का एक्यूआई भी 500 के पार हो गया है.
हरियाणा के भिवानी का 545, सिरसा का एक्यूआई 502, रोहतक का 446, गुड़गांव का एक्यूआई 444, हिसार का 409, नोएडा का 394, गाजियाबाद का 409, फरीदाबाद का 432, सोनीपत का 378 एक्यूआई है.
क्यों बढ़ रहा है दिल्ली का प्रदूषण
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण मौसम में ठंडक, हवा का धीमे बहना, पटाखे, पराली जलाना और वाहनों से होने वाला प्रदूषण हैं. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पराली जलाने का असर दिल्ली पर भी पड़ता है.
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने शुक्रवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का चौथा चरण ग्रैप-4 लागू कर दिया है. उल्लेखनीय है कि जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच को 'खराब', 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब', 401 से 450 के बीच को 'गंभीर' और 450 से ऊपर को 'गंभीर से अधिक' माना जाता है.
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