दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार के मामले में केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. दिल्ली सरकार ने अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र सरकार के अध्यादेश को चुनौती दी है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को संवैधानिक बताया है.
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि, केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तुरंत रोक लगाई जाए. यह अध्यादेश असंवैधानिक है.
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. केंद्र ने अध्यादेश 19 मई को पेश किया था. इसके तहत दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक अथॉरिटी बनाई गई है. AAP सरकार ने इसे अधिकारियों की सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बताया है.
इससे पहले दिन में आम आदमी पार्टी ने घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीन जुलाई को मध्य दिल्ली में पार्टी कार्यालय पर केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे. पार्टी ने 11 जून को अध्यादेश के खिलाफ महारैली का आयोजन किया था.
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने 19 मई को ‘दानिक्स' कैडर के ‘ग्रुप-ए' अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण' गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया था.
अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे.
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