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'जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे...', ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह ने लोकसभा में किया सेना के शौर्य का बखान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा, 'मैं देश के उन वीर सपूतों, बहादुर सैनिकों को नमन करता हूं जो राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए बलिदान देने से कभी पीछे नहीं हटे.

'जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे...', ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह ने लोकसभा में किया सेना के शौर्य का बखान
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक सैन्य कार्रवाई बताया.
  • उन्‍होंने बताया, 'ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने मात्र 22 मिनट में आतंकी ढांचे को पूरी तरह से नष्ट कर दिया.
  • इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया.
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नई दिल्‍ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही महाबहस के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सैन्य बलों की कार्रवाई को पूरी तरह जायज ठहराया और स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन सेना की तीनों सेवाओं के बीच शानदार तालमेल का बेमिसाल उदाहरण है, जिसने पाकिस्तान की हर आतंकी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया. उन्‍होंने 'जिन्‍ह मोहि मारा, ते मैं मारे...' का उदाहरण देते हुए कहा कि हमने उन्‍हें उन्‍हीं की भाषा में जवाब दिया. 

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि 6, 7 मई को एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया, ये सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं थी बल्कि आतंकवाद के खिलाफ हमारा कड़ा एक्शन था. रक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान के हार मानने पर भारत की तरफ से सीजफायर किया गया, इसमें किसी और की कोई भूमिका नहीं है. 

मात्र 22 मिनट में दिया अंजाम

सिंह ने दृढ़ता से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर किसी बाहरी दबाव में नहीं, बल्कि अपने निर्धारित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल करने के बाद ही रोका गया था. उन्होंने दोहराया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा और भारतीय सेना ने अपने सभी उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया. उनका जोर इस बात पर था कि भारत का मकसद युद्ध छेड़ना नहीं, बल्कि आतंकियों के ढांचों को नेस्तनाबूद करना था, जिसे मात्र 22 मिनट में अंजाम दिया गया. रक्षा मंत्री ने बताया कि यह कहना गलत है कि ऑपरेशन सिंदूर को किसी दबाव में रोका गया था; इसे पाकिस्तान के अनुरोध और DGMO स्तर पर बातचीत के बाद ही रोका गया.

ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ढेर

राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हर पहलू पर गहन अध्ययन किया गया था. यह सुनिश्चित किया गया कि आतंकियों और उनके ठिकानों को ही निशाना बनाया जाए और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न हो. उन्होंने लोकसभा को बताया कि इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति का निर्णायक प्रकटीकरण बताया.

विपक्ष पर तंज, 'क्‍या पूछना है, हम बता देते हैं'

रक्षा मंत्री ने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत के किसी भी लक्ष्य को भेद नहीं सका और न ही किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचा पाया. उन्होंने विपक्ष की आलोचना की कि उन्होंने यह सवाल कभी नहीं पूछा कि भारतीय सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान गिराए, बल्कि सिर्फ अपने विमानों के नुकसान पर ध्यान केंद्रित किया. राजनाथ सिंह ने कहा कि यह जनभावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता. उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि यदि प्रश्न पूछना ही है, तो यह पूछें कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा, जिसका सीधा उत्तर 'हां' है.

'परीक्षा में पेन-पेंसिल नहीं, परिणाम महत्वपूर्ण'

सिंह ने विपक्ष पर व्यंग्य करते हुए कहा कि परीक्षा में पेन या पेंसिल के टूटने की चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि परिणाम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने समझाया, 'जब लक्ष्य बड़े हों, तो छोटे मुद्दों पर ध्यान नहीं जाना चाहिए. इससे देश की सुरक्षा, सैनिकों के सम्मान और उत्साह से ध्यान हट सकता है.”

उन्होंने जोर देकर कहा कि परिणाम यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने अपने निर्धारित सभी लक्ष्यों को पूरी तरह से हासिल करने में सफलता पाई.

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