विज्ञापन
This Article is From Jan 10, 2021

वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी की मौत, 3 घंटे में जांच, 3 घंटे में रिपोर्ट, 3 घंटे में क्लीन चिट

वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी दीपक मरावी की मौत कैसे हुई, इस मामले की जांच के लिये राज्य सरकार ने पीपुल्स अस्पताल में जीएमसी के छह डॉक्टरों की टीम भेजी.

जांच कमेटी ने परिजनों से बात किये बगैर शाम तक रिपोर्ट दे दी

भोपाल:

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वैक्सीन ट्रायल (Corona Vaccine Trial) के प्रतिभागी दीपक मरावी की मौत (Deepak Maravi Death) के मामले में एक ही दिन में राज्य सरकार ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी दीपक मरावी की मौत कैसे हुई, इस मामले की जांच के लिये राज्य सरकार ने पीपुल्स अस्पताल में जीएमसी के छह डॉक्टरों की टीम भेजी, टीम ने क्लीनिकल ट्रायल दफ्तर में दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक ट्रायल प्रोटोकॉल से जुड़े दस्तावेजों की जांच की. परिजनों से बात किये बगैर शाम तक रिपोर्ट दे दी, कमेटी का कहना था उन्हें सिर्फ ये जांचना था कि अस्पताल ने ट्रायल प्रोटोकॉल का पालन किया या नहीं.

सरकार से जब इस बात का जवाब मांगा तो उन्होंने फिर टुकड़े टुकड़े गैंग का राग अलाप दिया. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा जिस प्रकार दिग्विजय सिंह और टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग हैं, वो हर समय अराजकता का माहौल बनाते हैं पहले जांच नहीं हुई तो उसपर सवाल था जांच हो गई तो सवाल है... तो चाहते हैं क्या हैं दिग्विजय क्या अव्यवस्था का माहौल बने.

वैसे जांच के लिये तो डॉक्टरों ने फिर भी 6-7 घंटे लगे, सरकार तो आरोप लगते ही क्लीन चिट देने लगी थी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा वैक्सीन के चलते मरावी की मौत नहीं हुई है, क्योंकि वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव होता तो वह 24 से 48 घंटे में असर दिखता.

'चौंकाने वाली खबर, तुरंत संज्ञान ले सरकार' : दिहाड़ी मजदूर दीपक मरावी की मौत पर बोले दिग्विजय सिंह

शायद मंत्रीजी इसलिये नाराज थे क्योंकि दिग्विजय सिंह ने मृतक के परिजनों से भेंट की थी, और सरकार पर सवाल उठाये थे. उधर एनडीटीवी पर खबर दिखाए जाने के बाद ना सिर्फ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, बल्कि घर में मदद भी पहुंचने लगी है.

दीपक मरावी के बेटे सूरज मरावी ने कहा मेरे पापा जो शांत हुए हैं उनका इंसाफ हो, सजा मिले यही मांग है. जबसे एनडीटीवी ने हमारी सुध ली, स्टोरी दिखाई तब से लोग आए हैं, पुलिस प्रशासन ने हमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दी है, पहले रिपोर्ट भी नहीं दे रहे थे... कहते थे आज देंगे कल देंगे... जबसे एनडीटीवी ने खबर दिखाई तब लोग आने लगे. दीपक की पत्नी वैजयंती ने कहा दिग्विजय सिंह ने 25000 दिये, एसडीएम ने 25000 दिये... बस यही चाहती हूं कि मेरे पति को इंसाफ मिले.

एक सवाल ये भी है कि क्या ट्रायल के प्रोटोकॉल के तहत प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर ने दीपक की सेहत में हो रहा बदलावों का फॉलोअप लिया था, बीमारी की जानकारी मिलने पर भी अस्पताल से डॉक्टर घर क्यों नहीं आए. वैसे हमारा सिस्टम कितना सजग है इसको इस बात से समझिये कि खबर चलने के बाद भी 8 जनवरी को ट्रायल टीम ने टीके के दूसरे डोज के लिए दीपक के घर कॉल किया था ये बात उनके बेटे ने हमें बताई क्योंकि टीके के दूसरे डोज वाले वॉलंटियर्स की लिस्ट से उनका नाम नहीं हटाया था. फिर भी सरकार को लगता है लापरवाही हो ही नहीं सकती तो हम क्या कह सकते हैं, हम फिर साफ कर दें सवाल वैक्सीन की गुणवत्ता का नहीं इस सिस्टम का है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com