नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर एक युवक पर जानलेवा हमला करने का नया मामला सामने आया है. घटना महाराष्ट्र के अहमदनगर की है. पुलिस से मिल रही जानकारी के अनुसार घटना चार अगस्त की शाम की है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना में घायल युवक की पहचान प्रतीक उर्फ सनी राजेंद्र पवार के रूप में की गई है. पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि चार अगस्त की शाम मुस्लिम समुदाय के 10 से 15 युवकों ने पहले प्रतीक को उसके दोस्त अमित के साथ अक्काबाई चौक पर रोका और बाद में उसपर तलवार और डंडों से हमला किया.
घटना में प्रतीक को गंभीर चोटें आई है. पुलिस अधिकारी के अनुसार घटना के समय मौके पर मौजूद प्रतीक के दोस्त अमित ने पुलिस को बताया कि आरोपी युवक प्रतीक की पिटाई से पहले कह रहे थे कि तुम जैसे लोग नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन कर रहे हो और सोशल साइट्स पर पोस्ट कर रहे इस वजह से दूसरे भी उसका समर्थन कर रहे हैं. फिलहाल प्रतीक के दोस्त अमित की शिकायत पर कर्जत पुलिस ने शाहरुख खान पठान , सोहेल पठान, निहाल खान पठान , इलैल शेख, टीपू पठान, अबर उर्फ अरबाज कसम पठान , अरशद पठान, अकीब सैयद सहित अन्य 5 से 7 के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. हालांकि, पुलिस फिलहाल इस मामले में ये भी जांच कर रही है कि क्या ये सही में नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने को लेकर हुआ हमला है या किसी आपसी दुश्मनी के चलते प्रतीक पर हमला किया गया है. पुलिस की जांच में ये भी पता चला है कि प्रतीक पर पहले से कई मामले दर्ज हैं.
बता दें कि इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले उदयपुर में कन्हैयालाल और अमरावती में उमेश कोल्हे की नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने को लेकर हत्या कर दी गई थी. उमेश कोल्हे हत्या मामले में तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सभी सात आरोपियों को हिरासत में ले लिया था. एक अधिकारी ने बताया था कि एनआईए ने सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. उन्हें अमरावती की अदालत में पेश करने के बाद सोमवार को चार दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया था.
अधिकारी ने कहा था कि आरोपियों को आठ जुलाई या उससे पहले एनआईए की मुंबई अदालत में पेश किए जाने की संभावना है. पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने सोमवार को कहा था कि अमरावती पुलिस को जांच के दौरान पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट और उमेश कोल्हे की हत्या के बीच लिंक मिला था और मामले को दबाया नहीं गया था.उन्होंने कहा था कि पुलिस ने पहले हत्या के इस मामले की "अत्यंत संवेदनशील" प्रकृति और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जानकारी का खुलासा नहीं किया.
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