सहारनपुर:
ढाका आतंकी हमले के बाद सुखिर्यों में आए इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक को लेकर देश में छिड़ी बहस के बीच प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम (उप कुलपति) मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा कि पहले दिए गए फतवों को नाईक के खिलाफ हथियार नहीं बनाया जाए।
मौलाना मद्रासी ने कहा कि ‘‘दारूल उलूम द्वारा पहले दिये गये फतवों को जाकिर नाईक के खिलाफ हथियार न बनाया जाए। हमें यकीन है कि नाईक का दहशतगर्दी से कोई सम्बध नहीं हो सकता।’’
मद्रासी ने दारूल उलूम देवबंद का रुख साफ करते हुए कहा है कि ‘‘जाकिर नाईक इस्लामी विद्वान के तौर पर पहचाने जाते हैं और हम समझते हैं कि वह किसी तरह से आतंकवाद से जुड़े हुए नहीं हो सकते।’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मौलाना मद्रासी ने कहा कि ‘‘दारूल उलूम द्वारा पहले दिये गये फतवों को जाकिर नाईक के खिलाफ हथियार न बनाया जाए। हमें यकीन है कि नाईक का दहशतगर्दी से कोई सम्बध नहीं हो सकता।’’
मद्रासी ने दारूल उलूम देवबंद का रुख साफ करते हुए कहा है कि ‘‘जाकिर नाईक इस्लामी विद्वान के तौर पर पहचाने जाते हैं और हम समझते हैं कि वह किसी तरह से आतंकवाद से जुड़े हुए नहीं हो सकते।’’
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