- जाकिर नाइक का नाम भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और सांप्रदायिक घृणा फैलाने के मामलों में शामिल है
- बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने जाकिर नाइक की एक महीने की यात्रा को मंजूरी दी है, जो नवंबर से दिसंबर तक चलेगी
- भारत ने जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को गैरकानूनी घोषित कर वांछित घोषित किया है
भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और घृणा फैलाने के मामलों में आरोपी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक का नाम 2016 में ढाका आतंकी हमलों में सामने आया था. तत्कालीन पीएम शेख हसीना की सरकार ने जाकिर के पीस टीवी पर बैन लगाने का फैसला किया था, लेकिन यूनुस सरकार ने अब जाकिर नाइक की एक महीने की यात्रा को मंजूरी दी है. जाकिर नाइक की बांग्लादेश यात्रा 28 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगी. इस दौरान यह देशभर में घूमेगा और भाषण देगा.
मुंबई निवासी डॉ. जाकिर नाइक इस्लाम और तुलनात्मक धर्म पर अपने व्याख्यान देता है. साथ ही कई आतंकी समूहों का खुलेआम समर्थन भी करता है. भारत ने उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को गैरकानूनी घोषित कर दिया था. वह भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज हेट स्पीच और सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने से संबंधित कई मामलों में वांछित है. ढाका आतंकी हमले के बाद आरोपियों ने कहा था कि वे जाकिर नाइक के भड़काऊ भाषणों से प्रेरित थे.
डॉ. जाकिर नाइक पहली बार बांग्लादेश की यात्रा पर आ रहा है. करीब सालभर पहले पाकिस्तान ने उसकी राष्ट्रव्यापी यात्रा की मेजबानी की थी. पाकिस्तान में भी नाइक का भव्य स्वागत किया गया था. इस यात्रा के दौरान उसने शीर्ष राजनेताओं और अधिकारियों से मुलाकात की थी.
अधिकारियों का कहना है कि नाइक भारत विरोधी कई गतिविधियों में लिप्त रहा है. केरल में कई जबरन धर्मांतरण के मामलों में भी उसका नाम सामने आया है, जो प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े थे.
शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद बांग्लादेश में कई सारी चीजें चल रही हैं. यूनुस सरकार में पाकिस्तान और आईएसआई की गतिविधियां बढ़ रही हैं. आईआरए की स्थापना के लिए आईएसआई के कमांडर बांग्लादेश में लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. पाकिस्तान यहां पर भारी संख्या में हथियार मुहैया करा रहा है. हसीना की सरकार गिरने के कुछ ही महीने के भीतर जाकिर नाइक की बांग्लादेश में एंट्री हो रही है.
अपने इस दौरे पर वह कई आतंकी संगठनों के चीफ से भी मुलाकात करेगा। पाकिस्तान यात्रा के दौरान भी जाकिर नाइक ने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडरों, मुजम्मिल इकबाल हाशमी, मुहम्मद हारिस धर और फैसल नदीम से मुलाकात की थी.
जाकिर ने जिन-जिन आतंकी समूहों के नेताओं से पाकिस्तान में मुलाकात की थी, इन सभी को 2008 से अमेरिका ने आतंकवादी घोषित कर रखा है. बांग्लादेश यात्रा पर हूजी और जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश (जेएमबी) जैसे अलग-अलग आतंकवादी संगठनों के कमांडरों से मिलने की उम्मीद है.
इन आतंकी समूहों की मदद से आईएसआई भारत में हमले करने की साजिशें रचता है. दरअसल, आईएसआई ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडरों को हूजी और जेएमबी के सदस्यों को प्रशिक्षित करने के लिए बांग्लादेश भेजा है. हालांकि आईएसआई बांग्लादेश स्थित आतंकी समूहों का इस्तेमाल करके भारत के खिलाफ योजना पहले ही बना चुकी है, लेकिन नाइक की यात्रा से ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. नाइक फिलहाल मलेशिया में रहता है और उसे ब्रिटेन और कनाडा ने वीजा देने से मना कर दिया है.
अमेरिकी हमले को लेकर नाइक ने बयान दिया था, "अगर बिन लादेन इस्लाम के दुश्मनों से लड़ रहा है, तो मैं उसके साथ हूं. अगर वह अमेरिका, जो सबसे बड़ा आतंकवादी है, को आतंकित कर रहा है, तो मैं उसके साथ हूं. हर मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं