गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि साइबर अपराध भारत की प्रगति और सुरक्षा के लिए खतरा है जिससे निपटने के लिए ‘साइबर योद्धा' तैयार करने की जरूरत है. सावंत यहां वास्को शहर में बीआईटीएस पिलानी परिसर में आयोजित ‘सूचना सुरक्षा, निजता और डिजिटल फोरेंसिक पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन' (आईसीआईएसपीडी 2022) में बोल रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया निजता मुद्दे को व्यापक रूप से हल करना अहम है और इसे कम करके नहीं आंका जा सकता है और इस चुनौती से निपटने के लिए कुशल विशेषज्ञों की जरूरत है. उन्होंने कहा, “साइबर अपराध हमारे देश की प्रगति और सुरक्षा के लिए खतरा है. साइबर अपराध से निपटने के लिए साइबर योद्धा तैयार करना समय की मांग है.”
सावंत ने साइबर अपराधों में उभरती प्रवृत्तियों को लेकर जागरूकता, ज्ञान और कौशल की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने साथ में कहा कि साइबर सुरक्षा और कंप्यूटर फोरेंसिक की नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षण की भी आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में साइबर अपराध के कुल 52,974 मामले दर्ज किए गए, जो 2020 में दर्ज मामलों की तुलना में 5.9 प्रतिशत अधिक हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस श्रेणी में अपराध दर 2020 में 3.7 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 3.9 फीसदी हो गई है. सावंत ने कहा, “2021 में साइबर अपराध के 60.8 प्रतिशत मामले धोखाधड़ी के, 8.6 फीसदी यौन शोषण के और 5.4 प्रतिशत मामले जबरन वसूली के थे.”
उन्होंने कहा कि 20वीं सदी के दो सबसे बड़े आविष्कार कंप्यूटर और इंटरनेट ने दुनिया को बदल दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह दिलचस्प है कि इस सहस्राब्दी की शुरुआत में पैदा हुए बच्चे इंटरनेट कनेक्टिविटी और मोबाइल उपकरणों के बिना दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि इंटरनेट और संबंधित तकनीकों का सकारात्मक पक्ष कोविड-19 महामारी के दौरान स्पष्ट हुआ.
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