नई दिल्ली. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने राज्यपालों के कथित "अलोकतांत्रिक असंवैधानिक विरोधी" कामों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने विपक्षी दलों की संयुक्त विरोध बैठक आयोजित करने के लिए कई दलों से संपर्क किया है. जल्द ही नई दिल्ली में ये बैठक आयोजित होगी.
सीपीएम नेता निलोत्पल बासु ने एनडीटीवी को बताया कि सीपीएम की सेंट्रल कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें कहा गया है कि हाल के दिनों में कुछ राज्यों के गवर्नर द्वारा लिए गए असंवैधानिक फैसलों के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट कर एक साझा विरोध का कार्यक्रम जरूरी है.
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी समेत लेफ्ट के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क किया है. सीपीएम की तैयारी आम आदमी पार्टी और टीआरएस के वरिष्ठ नेताओं को भी साथ लेकर गवर्नर द्वारा लिए जा रहे असंवैधानिक फैसलों के खिलाफ एक साझा विरोध कार्यक्रम करने की है.
इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने कहा था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को हस्तक्षेप कर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को ''संवैधानिक और लोकतंत्र विरोधी'' टिप्पणी करने से रोकना चाहिए. केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और राजभवन के बीच विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों सहित विभिन्न मुद्दों पर चल रही खींचतान के बीच, राज्यपाल खान ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि किसी भी वामपंथी मंत्री के ऐसे बयान जो उनके पद की गरिमा को कम करते हैं, कार्रवाई को आमंत्रित करेंगे, जिसमें 'प्रसाद की वापसी' भी शामिल है.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की टिप्पणी पर सीपीएम ने कहा कि ऐसा बयान देकर, खान ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के प्रति केवल अपने राजनीतिक पूर्वाग्रह और शत्रुता को उजागर किया है.
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