
- उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि इंडिया ब्लॉक को 300 वोट मिले.
- कुल 781 में से 767 सांसदों ने मतदान किया, जिसमें 752 वोट वैध और 15 वोट निरस्त घोषित हुए.
- एनडीए को वायएसआरसीपी के 11 सांसदों का समर्थन मिला, जिससे उसके वोटों की संख्या 438 तक पहुंच गई.
देश के उपराष्ट्रपति चुनाव के चौंकाने वाले परिणाम (Vice President Result 2025) सामने आए हैं. एनडीए को उसकी ताकत से अधिक वोट मिले हैं. सी पी राधाकृष्णन 452 वोट पाकर विजयी घोषित हुए. जबकि इंडिया ब्लॉक को उसकी ताकत 315 की तुलना में 15 वोट कम यानी 300 वोट मिले. 15 वोट निरस्त हो गए. इसका मतलब यह है कि जहां विपक्ष के कई सांसदों ने एनडीए के पक्ष में वोट डाला वहीं एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों के सांसदों के वोट निरस्त हुए.
ये भी पढ़ें- क्रॉस वोटिंग और 15 अमान्य वोटों का भी खेल, राधाकृष्णन ने विपक्षी रेड्डी को ऐसे दी मात | Highlights
उपराष्ट्रपति चुनाव में संख्या गणित जानें
उपराष्ट्रपति चुनाव में संख्या गणित कुछ इस तरह था कि लोकसभा और राज्य सभा के सांसदों को मिलाकर कुल 788 मतदाता हैं. अभी राज्यसभा में छह और लोक सभा में एक सीट रिक्त है, यानी 781 मतदाता अभी हैं. इनमें से 767 सांसदों ने वोट डाला, इनमें से 752 वोट वैध और 15 निरस्त पाए गए. एनडीए उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन को 452 और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले.
ये है न्यूट्रल वोटों का खेल
मौजूदा संख्या बल के हिसाब से एनडीए के 427 और इंडिया ब्लॉक के 315 वोट हैं, जबकि 39 वोट न्यूट्रल हैं जो दोनों में से किसी गठबंधन के साथ नहीं हैं. इनमें से वायएसआरसीपी के 11 सांसदों ने एनडीए का साथ दिया. इस तरह एनडीए की संख्या बढ़कर 438 हो गई और न्यूट्रल की संख्या घटकर 28 रह गई. इन 28 में से बीजेडी के सात, बीआरएस के चार, अकाली दल के एक और दो निर्दलीय सरबजीत सिंह खालसा और अमृतपाल ने गैरहाजिर रहने का फैसला किया. यानी 14 वोट एब्सेंट रहे. इस तरह न्यूट्र्ल की संख्या घटकर 14 रह गई.
NDA को 14 अतिरिक्त वोट कैसे मिले?
एनडीए को वायएसआरसीपी के सांसदों को मिलाकर 438 वोट मिलने थे, जबकि उसे 452 वोट मिले. यानी उसे 14 अतिरिक्त वोट मिले. संभावना है कि उसे बाकी बचे 14 न्यूट्रल वोटों में से भी कुछ वोट मिले. लेकिन एनडीए को भी झटका लगा, क्योंकि जो 15 वोट निरस्त हुए उनमें से 10 वोट एनडीए के 5 वोट इंडिया ब्ल़ॉक के थे. इस तरह क्रॉस वोटिंग के कारण ही एनडीए के पक्ष में उसकी संख्या 452 तक पहुंच सकी.
इंडिया ब्लॉक के किन दलों के सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है, इसकी जानकारी मिलने में अभी कुछ समय लगेगा. माना जा रहा है कि विपक्ष के दस सांसदों ने एनडीए के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है. उधर, इंडिया ब्लॉक को 15 वोटों का नुकसान हुआ है. इनमें पांच निरस्त वोट और दस क्रॉस वोटिंग को मिला दें तो यह हिसाब पूरा हो जाता है.
क्रॉस वोटिंग करने वाले सांसदों पर एक्शन क्यों नहीं?
बहरहाल, यह स्पष्ट है कि गुप्त मतदान और व्हिप जारी न होने के कारण कई सांसदों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन कर वोट देने का मौका मिला है. चूंकि व्हिप नहीं होती ऐसे में क्रॉस वोटिंग करने वाले सांसदों के खिलाफ पार्टियां कार्रवाई भी नहीं कर सकतीं. लेकिन यह जरूर है कि इससे आने वाले दिनों के लिए नए राजनीतिक समीकरण जरूर बनते हैं, जिसमें मौजूदा गठबंधनों के टूटने और नए गठबंधनों के बनने की संभावना बढ़ जाती है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं