
Drinking water in a copper vessel: भारतीय परंपरा में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना काफी प्राचीन अभ्यास के रूप में जाना जाता है. यहां तक कि आयुर्वेद के साथ साथ विज्ञान भी तांबे के गुणों को मान्यता देते हैं. तांबे में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सेहत को फायदा पहुंचाते हैं. कुछ बीमारियों में भी इस पानी के पीने से फायदा (Tambe Me Pani Rakha Peene Ke Fayde) होता है लेकिन सभी के लिए यह फायदेमंद नहीं होता है. आइए जानते हैं तांबे के बर्तन में पानी पीने से कौन सी बीमारी ठीक (Tambe Me Rakha Pani Peene Se Kaun Bimari Hoti Hai Thik)होती है और किन्हें नहीं पीना चाहिए यह पानी (Kinhe Nahi Pina Chahiye Tambe Me Rakha Pani)
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तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of drinking water in a copper vessel)
तांबे के बर्तन में पानी पीने से कौन सी बीमारी ठीक होती है
तांबे के बर्तन में पानी पीने से गैस, एसिडिटी, कब्ज, एनीमिया और अर्थराइटिस जैसी कई बीमारियों में राहत मिलती है. तांबे में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाचन को बेहतर बनाते हैं और बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं. यह आयरन के बेहतर अवशोषण में मदद करता है, जिससे एनीमिया में लाभ मिलता है. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण अर्थराइटिस के सूजन और दर्द को कम करते हैं.
सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन का पानी पीने से क्या फायदे हैं
तांबे के बर्तन में रातभर रखा पानी सुबह खाली पेट पीने से एनीमिया में लाभ होता है. इसके अलावा यह पानी थायराइड हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है. यह मेटाबॉलिज्म को ठीक रखता है और शरीर के अंदर हार्मोनल असंतुलन को कम करने में सहायक साबित होता है.

तांबे के बर्तन में रखा पानी कौन नहीं पी सकता है
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को तांबे का पानी नहीं पीना चाहिए.जिन लोगों को दस्त, उल्टी, मतली, गैस, पेट में जलन या गंभीर रक्तस्राव से जुड़ी गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें तांबे का पानी पीने से बचना चाहिए. विल्सन रोग से पीड़ित व्यक्ति, जिसके शरीर में तांबे का स्तर पहले से ही बढ़ा हुआ होता है, उसे भी तांबे का पानी नहीं पीना चाहिए.
तांबे के बर्तन के क्या नुकसान हैं
तांबे के बर्तनों के अधिक इस्तेमाल या गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर कॉपर टॉक्सिसिटी हो सकती है, जिसके कारण मतली, उल्टी, पेट दर्द और दस्त जैसी पेट संबंधी समस्याएं होने का खतरा रहता है. कुछ मामलों में लिवर और किडनी को नुकसान हो सकता है. खट्टी चीजें, जैसे नींबू या दही, तांबे के बर्तनों में नहीं रखनी चाहिए. इससे हानिकारक रिएक्शन हो सकता है.
तांबे के बर्तन में पानी पीने से क्या नुकसान है
तांबे के बर्तन में पानी पीने के मुख्य नुकसान कॉपर टॉक्सिसिटी का खतरा है, जो शरीर में कॉपर की अधिकता के कारण होता है. इससे मतली, पेट दर्द, चक्कर आना, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं. गंभीर मामलों में लिवर और किडनी फेल होने का खतरा भी हो सकता है.

तांबे के बर्तन का उपयोग कब नहीं करना चाहिए
तांबे के बर्तनों का उपयोग दही, दूध, या खट्टी चीजें रखने के लिए नहीं करना चाहिए. इससे रिएक्शन हो सकता है और सेहत पर खराब असर हो सकता है. गर्मी के मौसम में तांबे का उपयोग करने से बचना चाहिए. यह गर्मी में शरीर की तासीर को और गर्म कर सकता है. तांबे के बर्तन क्षतिग्रस्त या पुराने हैं, खासकर अंदर से घिसे हुए हैं, तो उनका उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि तांबा संपर्क में आ सकता है और जहर पैदा कर सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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