ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने कोरोना वायरस के पीड़ितों के इलाज के लिये देश में पहली बार खास तरह का टेंट बनाया है. इसमें दो बेड और सभी जरूरी चिकित्सा उपकरण रखे जा सकते हैं. ये काफी मजबूत होने होने के साथ-साथ वाटर प्रूफ भी है. टेंट की मजबूती के लिये माइल्ड स्टील और एलम्यूनियम का इस्तेमाल किया गया है. इसमे वेंटिलेशन का भी ख्याल रखा गया है. इसकी खास बात ये है कि इसको सेनेटाइज करना काफी आसान है. इस टेंट की सबसे बड़ी उपयोगिता ये है कि इसे दूर दराज इलाकों में आपातकालीन हालात में इस्तेमाल किया जा सकता है. जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और कई लोगों को आशंका है कि अस्पतालों मे बेडों की कमी पड़ सकती है ऐसे में यह टेंट बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं. इस टेंट को कानपुर की ऑर्डिनस फैक्ट्री बोर्ड ने बनाया है. फिलहाल रोजाना 100 ऐसे टेंट बनाए सकते हैं और आर्डर मिलने पर बोर्ड के पांचों फैक्ट्रियां हज़ारो की तादाद में ऐसे टेंट बना सकती हैं.
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के चेयरमेन हरि मोहन ने एनडीटीवी इंडिया के बताया है वैसे तो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सेना की जरुरत पूरा करने के लिये हथियार और गोला बारूद बनाती है लेकिन पिछले 15 दिनों से देश अलग तरह के संकट से गुजर रहा है. ऐसे में डॉक्टर और स्वास्थ कर्मियों जैसे सेनानियों को सपोर्ट करने के लिये हमनें सेनेटाइजर, मॉस्क , बॉडी शूट और अब अलग तरह का टेंट बनाया है. जिसका इस्तेमाल आइशोलेशन रूम या क्वारंटाइन रूम के तौर पर भी कर सकते हैं.
यह टेंट हर लिहाज से परफेक्ट है. इसकी लंबाई 2050 मिलीमीटर, चौड़ाई 4660 मिलीमीटर, ऊंचाई 2850 और वॉल की ऊंचाई 1900 है. यह टेंट 9.55 एसक्वायर मीटर एरिया कवर करता है. यह बहुत सस्ता और टिकाऊ है. वजन भी बहुत कम है मात्र 10 किलो. जबकि दूसरे समान्य टेंट का वजन 70 से 80 किलो होते हैं. इसका दरवाजा भी बाकी टेंट के दरवाजे की तुलना में काफी बेहतर है. इसमें आसानी से अंदर या बाहर आया जा सकता है. बाकी टेंट में जाने के लिये झुकना पड़ता है. इतना ही नही आसानी से टेंट को लगाया और फिर समेटा जा सकता है. यकीनन जब देश में कोरोना पीड़ितों की तदाद दिन प्रति दिन बढ़ती जा रहा है ऐसे में यह टेंट काफी कारगार साबित हो सकता है.
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